उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के कुलदीप सेंगर को कल सुनाई जाएगी सजा

दिल्ली की विशेष अदालत ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले पर चल रही सनवाई गुरुवार को पूरी हुई। अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। शुक्रवार 13 मार्च को अदालत इस मामले में सजा सुनाएगी।

इस दौरान सीबीआई ने अदालत से दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। मालूम हो कि बीते चार मार्च को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म पीडि़ता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई और दो दरोगा समेत सात आरोपियों को दोषी करार दिया था।

अदालत ने सेंगर को आईपीसी की धारा 304 और 120 बी के तहत दोषी ठहराया था, जबकि चार आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने इस दौरान फैसला सुनाते हुए कहा था कि सेंगर का पीडि़ता के पिता की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने कहा, ”पीड़िता के पिता की बेरहमी से पिटाई की गई, जिससे उनकी मौत हो गई।

पिछली सुनवाई के दौरान जज ने कहा था कि यह उनकी जिंदगी का सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रायल रहा है। इससे पहले कुलदीप सेंगर पर लगा दुष्कर्म का आरोप भी सिद्ध हो चुका है और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा भुगत रहा है।

मालूम हो कि जिस युवती के साथ दुष्कर्म के दोष में सेंगर जेल की सजा काट रहा है, उसके पिता की 9 अप्रैल, 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। इस मामले में अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर समेत उसके भाई जयदीप सिंह उर्फ अतुल सेंगर, सब इंस्पेक्टर कामता प्रसाद, एसएचओ अशोक सिंह भदौरिया, शैलेन्द्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह, विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेन्द्र सिंह उर्फ बउवा सिंह, राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह, कॉन्स्टेबल आमिर खान और शरदवीर सिंह के खिलाफ आरोप तय किए थे।

इस मामले में 2018 में दायर किए आरोपपत्र के मुताबिक 4 अप्रैल 2018 को पीडि़ता के पिता और उसके साथी कर्मी अपने गांव लौट रहे थे और उसी दौरान उन्होंने रास्ते में शशि प्रताप सिंह से लिफ्ट मांगी थी, लेकिन उसने लिफ्ट देने से इंकार कर दिया था। इसी दौरान उनके बीच तकरार हो गई। इसके बाद शशि सिंह ने कुलदीप सेंगर के भाई अतुल और अन्यों को मौके पर बुलाया और पीडि़ता के पिता की बेहरमी से पिटाई।

इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुए पीड़िता के पिता को अस्पताल पहुंचाने के बजाए जेल में डाल दिया गया, जबकि उन्हें उपचार की जरूरत थी। उन्हें गहरी चोटें लगी थीं, जिस कारण 9 अप्रैल को उनकी न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। इस घटना का एक वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल होता दिखा तो यह मामला प्रकाश में आया। इस वीडियो में पीडि़ता के पिता को बुरी तरह पीटता हुआ दिखाया गया।

उल्लेखनीय है कि उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस मामले की जांच सीबीआई ने की। पीडि़ता की कार पर जानलेवा हमला होने की घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए इस केस से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई लखनऊ से दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में स्थानांतरित कर दी थी।

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