रिलायंस इंडस्ट्रीज के 5 लाख कर्मचारियों को कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहे है: चेयरमैन मुकेश अंबानी
कोरोना वायरस के कहर को लेकर कॉरपोरेट जगत में भी बेचैनी है और सभी कंपनियां अपने कर्मचारियों को काफी एहतियात बरतने का निर्देश दे रही हैं.
देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और इसके चेयरमैन मुकेश अंबानी भी समूह के करीब 5 लाख कर्मचारियों को इस वायरस से सुरक्षित रखने और कंपनी को नुकसान से बचाने के लिए मुस्तैद हो गए हैं.
मुकेश अंबानी पिछले करीब एक महीने से इसके बारे में हर दो—तीन दिन में एक बैठक कर रहे हैं और पूरे हालात पर गहराई से नजर रखे हुए हैं. कंपनी ने अपने कुछ कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा भी शुरू की है.
रिलायंस के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘वह मुकेश अंबानी उन कर्मचारियों को लेकर चिंतित हैं जिनसे अक्सर बिजनेस के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ती है या जो जो विदेश में रहकर काम कर रहे हैं.
समूह डॉक्टरों की एक टीम से परामर्श ले रहा है और इसके सभी दफ्तरों में स्वास्थ्य मानक तय किए जा रहे हैं. ग्रुप की डिजिटल टीम ने सचेत रहने वाले अभियान शुरू किए हैं.’
गौरतलब है कोरोना वायरस के कहर से कच्चा तेल की कीमत काफी टूट गई है और इससे रिलायंस को भी भारी नुकसान हुआ है. पिछले करीब साढ़े तीन महीने में कंपनी के बाजार पूंजीकरण में 4.4 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है. पिछले साल नवंबर में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था और तबसे इसमें 44 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वॉर शुरू होने से पिछले एक हफ्ते में ही ब्रेंट और डब्लूटीआई क्रूड प्राइस में करीब 35 फीसदी की गिरावट आई है.
सबसे ज्यादा सावधानी नवी मुंबई स्थित रिलायंस कॉरपोरेट पार्क और जामनगर के इसके रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में रखी जा रही है. इसी तरह पातालगंगा की उत्पादन इकाई तथा रिलायंस के रिटेल आउटलेट पर भी स्वच्छता और सफाई की प्रक्रिया का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने एक मेडिकल हेल्पलाइन बनाई है, ताकि मेडिकल इमरजेंसी के केस में परिवारों से संपर्क किया जा सके. हमारे परिसरों में भी डॉक्टर मौजूद हैं.’
रिलायंस ने अपने डिविजन हेड्स को यह तय करने का अधिकार दिया है कि वह जरूरत पड़ने पर किसी कर्मचारी, खासकर महिला कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दें.
इसके पीछे सोच यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारी को काम के लिए यात्रा कम से कम करनी पड़े और सार्वजनिक जगहों पर उन्हें कम जाना पड़े. गौरतलब है कि रिलायंस के मैनेजर स्तर के कर्मचारियों में करीब 14 फीसदी महिलाएं हैं.
रिलायंस समूह में करीब 5 लाख कर्मचारी हैं, जिनमें से ज्यादातर भारत में ही काम करते हैं. कुछ कर्मचारी अमेरिकी कार्यालयों में हैं जहां रिलायंस ने शेल गैस में निवेश कर रखा है.