कोरोना वायरस के बीच ने मनमाने नियम लागू कर रही हैं आरडब्ल्यूए

 कई सोसायटी और सेक्टरों में आरडब्ल्यूए की मनमानी के कारण आरडब्ल्यूए और निवासियों के बीच तनातनी का माहौल पैदा हो गया है। कई आरडब्ल्यूए कोरोना वायरस फैलने के नाम पर अपने मनमाने नियम लागू कर रही हैं। आरडब्ल्यूए की मनमानी के खिलाफ अब लोग मुखर भी होने लगे हैं। वहीं कई आरडब्ल्यूए ने सावधानी बरतने के साथ घरेलू सहायिकाओं को और दूसरे काम के लिए आने वालों को सोसायटी में प्रवेश की छूट दे दी है।

लॉकडाउन-4 में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर लोगों की आवाजाही पर छूट दी गई है। इसके साथ ही सोसायटी में किसी व्यक्ति को अगर घरेलू सहायिका की जरूरत है तो उसके बुलाने की भी छूट दी गई है। सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक आवाजाही पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है। कई आरडब्ल्यूए इसमें अपनी सियासत भी चमका रही है। एक आरडब्ल्यूए ने तो यहां तक फरमान जारी कर दिया कि कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट पेश करने पर ही प्रवेश दिया जाएगा। बगैर रिपोर्ट के चालकों, घरेलू सहायकों तथा इलेक्ट्रीशियन तक को नहीं आने दे रहे हैं। जबकि ऐसे लोगों के लिए इस तरह की रिपोर्ट पेश करना नामुमकिन है।

घरों में काम-काज कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाली अधिकतर महिलाओं के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। आरडब्ल्यूए की मनमानी के चलते अपने परिवार का गुजारा चलाना भी मुश्किल हो गया। सोसायटी में अकेले रहने वाले बुजुर्ग परेशान हैं।

सेक्टर-14 के वैश्य फाउंडेशन व पूर्व प्रधान आरडब्ल्यूए के प्रधान दिनेश अग्रवाल ने कहा कि कई आरडब्ल्यूए अपने को बेहतर दिखाने के लिए जानबूझकर मनमानी कर रही हैं। यह सरासर गलत है। एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए भी राजनीति की जा रही है। सावधानी बरतना पहला काम है। नियम कानून के तहत घरेलू सहायिका व जरूरी सेवा से जुडे लोगों को प्रवेश की इजाजत देनी चाहिए।

सेक्टर 14 के संजीव अग्रवाल ने बताया कि हमने अपनी सोसाइटी में घरेलू सह आरडब्ल्यूए को अपनी दादागिरी और राजनीति छोड़ देनी चाहिए। कोरोना वायरस एक ऐसी महामारी है। इसमें सभी को सावधानी बरतना जरूरी है। यह सभी के हित में है। पर जो व्यक्ति अपनी रोजी-रोटी चला रहा है, उसको मजबूर नहीं करना चाहिए। जब प्रशासन ने लोगों के आने जाने की छूट दे दी तो घरेलू सहायिका को भी नहीं रोका जाना चाहिए।

आरडब्ल्यूए फ्रेस्को सोसायटी के प्रधान निलेश टंडन ने कहा कि  हमने अपनी सोसाइटी में घरेलू सहायकों या दूसरे काम के लिए आने वाले लोगों के लिए छूट दे दी है। अखबार के वेंडर के लिए भी पूरी छूट है। गेट पर सभी का तापमान मापा जाता है। जिस निवासी के यहां घरेलू सहायिका जाती है। वह गेट से आकर खुद ले जाता है। ताकि वह लिफ्ट के बटन आदि को या दूसरे स्थानों को ना छुएं।

बी-ब्लॉक के साउथ एंड फ्लोर्स के प्रधान एएस मजूदार ने बताया कि प्रशासन की तरफ से मिले निर्देशों के मुताबिक घरेलू सहायकों व दूसरे सर्विस प्रोवाइडर को सोसाइटी में प्रवेश की छूट दे दी गई है। गेट पर सभी को सैनिटाइज किया जाता है। तापमान आदि की जांच की जाती है। एक घर में एक दिन में एक ही घरेलू सहायिका को आने की छूट है। कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सावधानी बेहद जरूरी है।

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