भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए WHO ने सात राज्यों में लॉकडाउन छूट न देने की सलाह दी है.
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों ने हर किसी को चिंता में डाल दिया है. शुक्रवार को देश में पहली बार कोरोना (Corona) के 6654 नए केस सामने आए. कोरोना के नए केस के आने के साथ ही देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 1,25,101 हो गई है. शुक्रवार को कोविड-19 (Covid-19) से 137 लोगों की मौत हुई है. देश में अब तक कोरोना वायरस से 3,720 लोगों की जान जा चुकी है. भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत के सात राज्यों में लॉकडाउन (Lockdown) में छूट न देने की सलाह दी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, तेलंगाना, चंडीगढ़, तमिलनाडु और बिहार में पिछले दो सप्ताह के दौरान जिस तरह से कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है उसके बाद से यहां पर लॉकडाउन का प्रतिबंध जारी रखने की जरूरत है. डब्ल्यूएचओ ने सलाह दी है कि जिन राज्यों में 5 प्रतिशत से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज हैं वहां पर लॉकडाउन की सख्ती जारी रहनी चाहिए.
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय द्वारा इसी तरह के एक अध्ययन में पाया गया कि अमेरिका में केवल 50 प्रतिशत राज्यों से ही लॉकडाउन को हटाया जा सकता है. इसी तरह भारत के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 21 प्रतिशत इसी श्रेणी में आते हैं. पिछले 7 मई के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में 18%, गुजरात में 9%, दिल्ली में 7%, तेलंगाना में 7%, चंडीगढ़ में 6%, तमिलनाडु में 5% और बिहार में 5% कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए हैं. ये सभी राज्यों में डब्ल्यूएचओ के मानक से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं.
हालांकि डब्ल्यूएचओ की सलाह पूरे राज्य पर लागू नहीं होती क्योंकि राज्यों के कुछ जिले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. राज्यों के हॉटस्पॉट इलाकों में लॉकडाउन की सख्ती जा सकती है. लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बावजूद डब्ल्यूएचओ की ओर से एक संकेत दिया जाता है जिसमें राज्यों को बताया जाता है कि कहां संक्रमण ज्यादा फैल सकता है और उसे किस तरह से कम किया जा सकता है.