धूम्रपान करने वालों के लिए काफी खतरनाक है कोविड-19 का संक्रम, ऐसे लोग बरते विशेष सावधानी
कोविड-19 (Covid-19) का प्रभाव पूरी दुनिया पर देखने को मिल रहा है. फिलहाल बचाव ही इससे सुरक्षित रहने का एकमात्र उपाय है. कई पुरानी बीमारियों से ग्रसित रोगियों के लिए यह और भी खतरनाक संकट है. कोविड-19, धूम्रपान (Smoking) करने वाले लोगों के लिए भी काफी भयावह है. एहतियात के तौर पर डायबिटीज (Diabetes) और हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) वाले रोगियों के साथ डॉक्टरों ने धूम्रपान करने वालों को भी घर के अंदर ही रहने की सलाह दी है. यह तो सभी जानते हैं कि तम्बाकू का सेवन करने वालों को फेफड़ों के कैंसर सहित श्वसन संबंधी कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसी को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के साथ धूम्रपान करने वालों के लिए भी कोविड-19 का संक्रमण काफी खतरनाक है. ऐसे लोगों को संक्रमण से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
हर साल 31 मई को ‘वर्ल्ड टोबाको डे’ मनाया जाता है. हर बार की तरह इस साल भी डॉक्टरों ने धूम्रपान करने वालों से इस हानिकारक आदत को छोड़ने का आग्रह किया है. कोविड-19 के दौर में यह अपील और भी जरूरी हो जाती है, क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि धूम्रपान करने वालों में कोविड-19 के गंभीर लक्षण विकसित हो सकते हैं. इसके विपरीत हाल ही में कुछ ऐसे अध्ययन भी सामने आए हैं जो दावा करते हैं कि धूम्रपान संभवतः कोविड-19 से सुरक्षा प्रदान कर सकता है. इन दोनों विरोधाभासी बातों से लोगों के मन में काफी संदेह है. इसी को दूर करने के लिए यहां धूम्रपान और कोविड-19 के बीच संबंधों को स्पष्टता से प्रस्तुत किया गया है.
धूम्रपान से वायुमार्ग की रक्षा करने वाले सिलिया को होता है नुकसान
फरवरी 2020 में प्रकाशित चीन के एक अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 संक्रमितों और आईसीयू में भर्ती करीब 1,099 रोगियों में से 25.5 फीसदी धूम्रपान करने वाले थे. डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का मानना है कि धूम्रपान करने वालों के वायुमार्ग में सिलिया की अनुपस्थिति के कारण उनमें श्वसन के गंभीर लक्षण देखने को मिले. सिलिया वायुमार्ग में मौजूद बॉल के आकार की छोटी-छोटी संरचनाएं होती हैं. यह संरचनाएं मुख्यरूप से संक्रामक तत्वों को हटाकर वायुमार्ग को साफ रखने में मदद करती हैं. इससे इंफेक्शन लंग्स में नहीं पहुंच पाता है. धूम्रपान से निकलने वाले रसायन धीरे-धीरे सिलिया को मार देते हैं. ऐसे में धूम्रपान करने वालों में कोविड-19 के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. सिलिया की अनुपस्थिति के चलते वायुमार्ग में सूजन भी पैदा हो सकती है.
शरीर में कोविड-19 रिसेप्टर्स को बढ़ा देता है धूम्रपान
कोविड-19 वायरस एसीई2 रिसेप्टर्स के साथ खुद को जोड़कर मानव शरीर में प्रवेश करता है. दिल, फेफड़े और आंतों की सतह पर एसीई2 रिसेप्टर्स उच्च मात्रा में मौजूद होते हैं. वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक अध्ययन से निष्कर्ष निकाला कि धूम्रपान, शरीर में एसीई2 रिसेप्टर्स के स्तर को बढ़ा देता है. एसीई2 रिसेप्टर्स की वृद्धि और सिलिया की अनुपस्थिति के कारण वायरस शरीर में आसानी से फैल सकता है.
कोविड-19 इंफेक्शन को रोक सकता है निकोटीन?
एक ओर जहां डॉक्टर धूम्रपान करने वालों को इसके दुष्प्रभावों के बारे में चेतावनी दे रहे हैं, वहीं एक फ्रेंच अध्ययन ने इसके बिल्कुल उलट परिणाम प्रस्तुत किए हैं. इस अध्ययन में कहा गया है कि निकोटीन के सकारात्मक प्रभावों के कारण धूम्रपान करने वालों को कोविड-19 से कम खतरा है.
शोधकर्ताओं ने नैदानिक और महामारी विज्ञान परीक्षणों में पाया है कि कोविड-19 इंफेक्शन ‘निकोटीन एसिटाइलकोलाइन रिसेप्टर’ बीमारी है. इसका अर्थ है कि वायरस में निकोटीन के लिए रिसेप्टर मौजूद होता है. इस प्रकार जब सार्स-सीओवी-2 (कोविड-19 का वायरस) शरीर में प्रवेश करता है, तो शरीर में मौजूद निकोटीन इससे बंध जाता है. इसके कारण वायरस का एसीई2 रिसेप्टर्स के साथ बाइंडिंग नहीं होने पाता, जिससे वायरस निष्क्रिय हो जाता है. फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने यह भी सुझाव दिया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों और अन्य लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए निकोटीन पैच, च्युइंगम लेने के लिए कहा जाना चाहिए.
हालांकि, दुनिया भर के वैज्ञानिकों का मानना है कि निकोटीन के इस प्रकार से प्रयोग में लाने से पहले इस सिद्धांत पर अभी और विस्तृत परीक्षणों की आवश्यकता है. निकोटीन का दुरुपयोग शरीर के लिए अत्यधिक खतरनाक हो सकता है, इतना ही नहीं यह मस्तिष्क की बीमारियों का कारण भी बन सकता है.