कोरोना संक्रमण को बढने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया बड़ा ऐलान
लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच बिहार लौटने वाले कई श्रमिकों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संक्रमण रोकने के लिए हाल में आए लोगों को क्वारंटीन केंद्र में पहले से रह रहे कामगारों से अलग रखने को कहा है. वही राज्य सरकार ने वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए 14 दिन क्वारंटीन केंद्र में रहना अनिवार्य कर दिया है. इसके बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति और यात्रा खर्च के तौर पर 1,000 रुपये भी दिए जा रहे हैं.केंद्र द्वारा श्रमिकों को लाने के लिए श्रमिक ट्रेनें चलाने पर सहमति के बाद महीने के आरंभ से अब तक 15 लाख से ज्यादा मजदूर वापस आए हैं. राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक तीन मई के बाद से वापस आए 2,000 से ज्यादा श्रमिक संक्रमित पाए गए हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि महामारी की स्थिति पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुमार ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हाल में आए श्रमिकों को क्वारंटीन में पहले से रह रहे श्रमिकों से अलग रखा जाए.वहीं, दूसरे प्रदेशों में अब भी बिहार के लोग फंसे हुए हैं, जिसे लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि अफसरों को दूसरे राज्यों से संपर्क करके इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्य में कोविड-19 के रोकथाम के लिए सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय, आयुक्त, आईजी, डीआईजी, डीएम और एसीप के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की.
इसके अलावा बैठक में सीएम ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों की अधिक से अधिक जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि क्वारंटीन सेंटर और होम क्वारंटीन में रहने वाले लोगों की नियमित जांच और स्क्रीनिंग की जाएगी. वही,मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में सुविधाओं के साथ आइलोसेशन बेड की संख्या में वृद्धि की जाएगी. जिन सरकारी भवनों में कोई कार्य नहीं हो रहा है, उन्हें आइसोलेशन केंद्र के रूप में परिवर्तित किया जाएगा. इसके अलावा निजी व्यवसायिक भवनों और होटलों में भी जरूरत के हिसाब से आइसोलेशन केंद्र बनाया जा सकता है.