कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने तैयार किए खुद के नियम

हरियाणा में अनलॉक-वन शुरू होने के साथ ही सरकार किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। प्रदेश सरकार न तो क्वारंटाइन सेंटर बंद करने जा रही है और न ही कोविड अस्पतालों की संख्या कम करेगी। बिहार समेत कुछ राज्य अपने यहां क्वारंटाइन सेंटर बंद करने की तैयारी में हैैं। हरियाणा ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए अपने खुद के नियम तैयार किए हैैं।

हरियाणा इस मामले में केंद्र की गाइड लाइन के हिसाब से नहीं चलेगा। केंद्र के निर्देश हैैं कि यदि कोई 10 दिन तक अस्पताल में भर्ती है तो उसे डिस्चार्ज किया जा सकता है, लेकिन हरियाणा सरकार ने फैसला किया है कि 10 दिन पॉजिटिव रहने के बाद नार्मल होने वाले मरीज की नेगेटिव रिपोर्ट आने तक उसे अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया जाएगा।

पॉजिटिव मरीज की नेगेटिव रिपोर्ट आए बिना नहीं होंगे डिस्चार्ज

केंद्र के यह भी निर्देश हैं कि यदि किसी मरीज को तीन दिन बुखार न आए तो उसे जाने दिया जाए, लेकिन हरियाणा इस गाइड लाइन को भी मानने के लिए तैयार नहीं हैैं। हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्पष्ट कहा कि हरियाणा ऐसा नहीं करेगा। उसका सही ढंग से इलाज होगा। पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद ही मरीज को अस्पताल से छुïट्टी मिलेगी।

स्वास्थ्य मंत्री विज के अनुसार जिस तरह से दिल्ली से सटे जिलों खासकर गुरुग्राम में कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैैं, वह बेहद चिंता का विषय है। इसलिए सरकार किसी तरह का रिस्क नहीं ले सकती। दिल्ली की सीमाओं पर अभी सख्ती रहेगी और बिना जांच-पड़ताल के किसी को हरियाणा में नहीं आने दिया जाएगा।

अनिल विज के अनुसार कोरोना का असर यदि बढ़ भी गया तो प्रदेश सरकार के पास एक बार में कम से कम 38 हजार लोगों के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। 12 हजार बेड कोविड अस्पतालों में हैैं, जबकि 26 हजार बेड का इंतजाम क्वारंटाइन सेंटरों में हैैं। किसी भी क्वारंटाइन सेंटर को बंद नहीं किया जाएगा। प्रदेश में कुल 383 एरिया कंटेनमेंट जोन घोषित हैं। इन सभी में 30 जून तक लॉकडाउन जारी रखने का फैसला लिया गया है।

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