उत्तर प्रदेश में आज से सभी धार्मिक स्थलो को खोलने की मिली इजाजत, सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया रुद्राभिषेक

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश में लम्बे लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे सब अनलॉक भी हो रहा है। लॉकडाउन 5.0 में अनलॉक-1 के फेज – 2 में सोमवार से बिना कन्टेंनमेंट वाले सभी जगह पर धार्मिक स्थल के साथ ही मॉल्स, होटल व रेस्टोरेंट काफी अहतियात के साथ खोलने की इजाजत दी गई है।

सरकार ने आज से धार्मिक  स्थलों को फिर से खोलने की अनुमति दी है। हर जगह पर सरकार ने एहतियाती उपायों के साथ धार्मिक  स्थलों को खोलने की अनुमति दी है। मंदिरों में समूह गायन की अनुमति नहीं है जबकि मूर्तियों और पवित्र पुस्तकों आदि को छूने की अनुमति नहीं है। सोमवार सुबह सबसे पहले धार्मिक स्थल खोले गए। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा में लोग फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पहुंचे। लोगों ने वहां पर पूजा-अर्चना, नमाज तथा अरदास की। चर्च में भी काफी लोग पहुंचे हैं।

गोरखपुर में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद लोग बड़ी संख्या में कतार में खड़े होकर दर्शन के लिए इंतजार करते हुए मंदिर में पहुंचे। गेट पर ही लोगों को सेनेटाइज किया जा रहा है। इसके साथ ही बिना मास्क के किसी को भी प्रवेश की इजाजत नहीं है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां पर लोक कल्याण के लिए आज रुद्राभिषेक किया। कोरोना संक्रमण से निजात और लोक कल्याण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की सुबह गोरखनाथ मन्दिर में रुद्राभिषेक किया। मंदिर के शक्तिपीठ में आयोजित इस आनुष्ठानिक पूजन को प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी वैदिक ने वेदपाठी ब्राह्मणों के साथ सम्पन्न कराया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने गुरु गोरखनाथ की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की और अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाकर आशीर्वाद लिया।

इसी क्रम में उन्होंने मन्दिर परिसर का भ्रमण कर उस इंतजाम को देखा, जिसके लिए उन्होंने रविवार की देर रात निर्देशित किया था। 80 दिन बाद सोमवार से मन्दिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गए हैं। अभी तक मंदिर में कम श्रद्धालु ही आये है। मुख्यमंत्री का निर्देश दर्शन-पूजन के दौरान हर हाल में फिजिकल डिस्टेंसिंग के पालन को लेकर है। मुख्यमंत्री आज यहां अब आइएमए और व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। 12:30 बजे दोपहर तक उन्हेंं लखनऊ के लिए रवाना होना है।

संयत हो धर्म स्थलों की ओर उन्मुख हुई राम नगरी अयोध्या

रामनगरी अयोध्या में भी सोमवार सुबह से ही भक्तों का विभिन्न धर्मस्थल पर आगमन शुरु हो गया। यहां पर राम जन्मभूमि के साथ ही कनक भवन मंदिर में लागे काफी संख्या में पहुंचे। हनुमानगढ़ी में लोग उमड़े, जिस स्थल को बजरंगबली की प्रधानतम पीठ होने का दर्जा हासिल है।

मान्यता है भगवान राम त्रेता युग में जब स्वधाम को गए तो हनुमान जी ने इसी स्थल पर अपना मुख्यालय बना अयोध्या राज्य का संचालन किया। करीब 2 शताब्दी पूर्व अवध के नवाब मंसूर अली खान इस स्थल का किले की शक्ल में पूरी भव्यता से नवीनीकरण कराया। विशेष अवसरों पर तो कहना है क्या सामान्य दिनों में भी यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। कोरोना संकट के चलते गत 25 मार्च को देश के अन्य धर्म स्थलों की तरह यहां का दरवाजा भी सभी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद हनुमानगढ़ी के साथ इसके इर्द-गिर्द की दुकानें और एक छोटी किंतु भरी पूरी दुनिया सन्नाटे के आगोश में समा गई।

सोमवार का दिन इस दुनिया के फिर से जीवन तो होने की शुरुआत  का था। आशंका थी कि लाक डाउन थमने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर की ओर उन्मुख होंगे पर ऐसा नहीं हुआ और औसत संख्या में ही श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। ऐसे में कोरोना से बचाव की दृष्टि से शारीरिक दूरी सुनिश्चित कराने और सैनिटाइजेशन को लेकर प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन सहूलियत महसूस की। हनुमानगढ़ी से जुड़े युवा महंत राजू दास ने श्रद्धालुओंका आभार ज्ञापित किया और थोक के भाव में ना आने के लिए उनकी समझ की दाद दी।

लखनऊ के हनुमान सेतु मंदिर में भक्त पूजा करने पहुंचे। एक ने कहा कि लॉकडाउन के बाद आज पहली बार मंदिर खुला है तो बहुत अच्छा लग रहा है।

यहां बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ ही हर जगह सैनिटाइजर का प्रयोग किया गया है।

लखनऊ के ईदगाह मस्जिद में लोगों ने नमाज अदा की। मस्जिद में प्रवेश करने से पहले लोगों की स्क्रीनिंग और हाथ सैनिटाइज कराए गए।

यहां पर भी लोग मास्क लगाकर पहुंचे जबकि फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी कड़ाई से पालन किया जा रहा है।

लखनऊ के याहियागंज गुरुद्वारा में भक्तों ने प्रार्थना की। यहां पर भी स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है।

मथुरा में सोमवार को भले ही मथुरा और वृन्दावन के कुछ प्रमुख मंदिर नहीं खोले गए है, लेकिन श्रीकृष्ण जन्मभूमि को खोला गया है। यहां पर सुबह से ही लोग दर्शन करने पहुंचे हैं। मथुरा में इसको लेकर सुरक्षा-व्यवस्था काफी कड़ी की गई है और लोगों से मानकों का पालन भी करने की अपील की गई है। यहां पर सुबह सात से दोपहर 12 बजे तक और शाम को चार बजे से रात के 8 बजे तक श्रद्धालु यहां दर्शन कर सकेंगे। श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा और सदस्य गोपेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि मंदिर खोलने के दौरान राज्य सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा।

इस दौरान इंफ्रारेड स्कैनर, सेनिटाइजर, लिक्विड साबुन की व्यवस्था के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मंदिर परिसर और मंदिर मार्ग में गोले बना दिए गए हैं। हर रोज दोपहर और रात में मंदिर को सैनिटाइज भी किया जाएगा। संस्थान के कर्मियों के साथ ही सेवा में लगे पुलिसकर्मियों के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले जड़ी-बूटी युक्त काढे की भी व्यवस्था की गई है, जो उन्हेंं रोजाना पिलाया जाएगा। मंदिर प्रबंधन ने इस महामारी को हराने के लिए और श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए बैनर भी लगाए हैं।

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