भारत के साथ संबंध बिगाड़ने का प्रयास कर रहा नेपाल, तीन हिस्‍सों को नेपाल ने अपने नए नक़्शे….

भारत (India) का ऐतिहासिक पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) चीन (China) की शह पर भारत के साथ पिछले कुछ समय से संबंध बिगाड़ने के प्रयास में जुटा है. चीन और भारत (India China) के बीच गतिरोध के ही समय नेपाल ने अपना नया नक्‍शा जारी कर भारत के तीन हिस्‍सों को अपने देश का हिस्‍सा बताया था. इन सबके बावजूद भारत नेपाल के साथ हर कठिन समय पर खड़ा रहता है. ऐसा ही कुछ इस समय भी हो रहा है. भारत और नेपाल के बीच सोमवार को हुए एक समझौते के मुताबिक भारत नेपाल के 7 जिलों में 56 हायर सेकेंडरी स्‍कूल का पुनर्निर्माण करेगा.
बता दें कि भारत ने उत्‍तराखंड में चीन और नेपाल सीमा के पास स्थित लिपुलेख दर्रे तक सड़क बनाई है. नेपाल इसका विरोध कर रहा है. माना जा रहा है कि नेपाल चीन की शह पर भारत का विरोध कर रहा है.

इसके अलावा नेपाल ने मई में अपना नया नक्‍शा जारी किया था. इस नक्‍शे में उसने भारत के उत्‍तराखंड में स्थित कालापाली, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने में शामिल दिखाया था. भारत ने इसका जबरदस्‍त विरोध दर्ज कराया था. इसके बाद नेपाली संसद में नेपाली कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया तो नेपाल के केपी शर्मा ओली की सरकार को यह नक्‍शा वापस लेना पड़ा था. अब उसने नया राजनीति‍क नक्‍शा जारी किया है. इसमें भी नेपाल ने भारत के इन तीनों हिस्‍सों को अपने क्षेत्र में शामिल कर दिखाया है. माना जा रहा है कि नेपाल की संसद में इस 9 जून को मान्‍यता मिल जाएगी.

बता दें कि नेपाल मौजूदा समय में चीन का हर मामले में समर्थन कर रहा है. हाल ही में नेपाल ने हांग कांग को लेकर चीन के नए कानून का समर्थन किया है. नेपाली विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भरत राज पौडयाल ने कहा था, नेपाल अपनी चीन नीति को दोहराता है और हांगकांग को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का अभिन्न अंग मानता है.

इसके अलावा चीन नेपाल के साथ मिलकर एवरेस्‍ट की ऊंचाई मापने का भी प्‍लान कर रहा है. वहीं चीन मालगाड़ी के जरिये नेपाल को आवश्‍यक चीजों की सप्‍लाई भी कर रहा है.

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