युवक की जाँच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने से मचा हडकंप, पता और मोबाइल नंबर निकला गलत, पुलिस कर रही तलाश

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रुड़की के गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के सुनहरा रोड निवासी एक और युवक की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। उस युवक के घर की जानकारी अभी स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को नहीं मिल पाई है। युवक ने टेस्ट के दौरान, जो मोबाइल नंबर दिया था वह भी बंद है। साथ ही पता भी गलत है, जिससे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। फिलहाल, पुलिस की टीम युवक को तलाश रही है।

एम्स में कोरोना संक्रमित शख्स की मौत 

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) ऋषिकेश में भर्ती कोरोना संक्रमित 48 वर्षीय एक मरीज की बुधवार की अलसुबह मौत हो गई। बीते सोमवार को इस मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। बिजनौर नजीबाबाद दाऊद पुर निवासी इस मरीज को हार्ट और निमोनिया की शिकायत के कारण उसे गंभीर हालत में वेंटीलेटर पर रखा गया था। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि दाउदपुर नन्हेड़ा बिजनौर(यूपी) के एक शख्स को उसका बेटा बीते रविवार को ओपीडी में लेकर आया था।

इस व्यक्ति को हार्ट और निमोनिया की शिकायत थी, उसकी हालत काफी गंभीर थी। ओपीडी में मरीज का सैंपल लिया गया और उसे वेंटिलेटर लाइफ सपोर्ट दिया गया। बीते सोमवार को इस मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उसे कोविड-19  वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। पास ही के कब्रिस्तान में शव को दफनाया जाएगा, जिसके लिए प्रशासन को सूचित कर दिया गया है।

कोरोना संक्रमित के शव के अंतिम संस्कार का किया था विरोध, मुकदमा  

नालापानी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार का विरोध करना कुछ लोगों को महंगा पड़ा है। मामले को लेकर रायपुर थाने की मयूर विहार चौकी इंचार्ज ने पांच नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है मुकदमा महामारी अधिनियम के उल्लंधन की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मंगलवार को कोरोना संक्रमित मरीज के शव के अंतिम संस्कार का विरोध किया गया था।

राज्य में 1541 पहुंचा कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा  

उत्तराखंड में अब तक कोरोना के 1541 मामले आ चुके हैं, जिनमें 757 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। इसके साथ ही सात मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं। कोरोना संक्रमित 15 लोगों की मौत भी हो चुकी है। वर्तमान में प्रदेश में 762 एक्टिव केस हैं।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को 1124 सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली है, जिनमें 997 की रिपोर्ट नेगेटिव और 127 पॉजिटिव हैं। टिहरी जिले में सर्वाधिक 72 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। यह सभी महाराष्ट्र, दिल्ली और मध्यप्रदेश से लौटे हैं। देहरादून में कोरोना संक्रमित सहारनपुर निवासी एक 89 वर्षीय महिला की मौत हुई है। इसके अलावा एक पुलिसकर्मी, निजी अस्पताल की नर्स, इसी अस्पताल में भर्ती चमन विहान निवासी एक महिला, निरंजनपुर मंडी का एक आढ़ती, चकराता रोड पर आयुर्वेदिक दवा की दुकान चलाने वाले एक शख्स समेत 21 और लोग संक्रमित पाए गए हैं। पिथौरागढ़ में सात नए मामले सामने आए हैं। चिंताजनक यह कि इनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। इसके अलावा हरिद्वार में सात और पौड़ी और रुद्रप्रयाग से चार-चार नए मामले सामने आए हैं। ये सभी लोग दिल्ली व मुंबई से वापस लौटे हैं। नैनीताल में चार लोग संक्रमित पाए गए हैं। बागेश्वर में पुणो से लौटे दो लोगों समेत पांच की रिपोर्ट पॉजिटिव है।

अल्मोड़ा में एक नया मामला सामने आया है। यह दिल्ली से तलाई गांव लौटे संक्रमित बुजुर्ग का छोटा भाई है। बुजुर्ग की मौत के बाद उसे बेस अस्पताल में आइसोलेट कर सैंपल लिया गया था। उत्तरकाशी में मुंबई से लौटे एक शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव है। इस बीच, जिन 35 मरीजों को मंगलवार को डिस्चार्ज किया गया है उनमें 27 देहरादून, सात चमोली, छह पौड़ी और एक उत्तरकाशी से है।

कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की तरफ तो नहीं बढ़ रहा दून 

कोरोना के मोर्चे पर दून की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं। जनपद के अब कोरोना वायरस के संक्रमित ऐसे मरीज भी सामने आ रहे हैं, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। ये कोरोना पाजिटिव तो हैं, लेकिन संक्रमण की जद में कैसे आए, यह नहीं पता चल पाया है। इन मरीजों की न कोई ट्रेवल हिस्ट्री रही है और न इन्फेक्शन के सोर्स का पता है। ऐसे में सवाल यह कि कहीं जनपद कम्युनिटी कम्यूनिटी स्टेज की तरफ तो नहीं बढ़ रहा है।

पंद्रह मार्च को सामने आया था पहला मामला 

प्रदेश में कोरोना का पहला मामला पंद्रह मार्च को सामने आया था। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के एक प्रशिक्षु आइएफएस में कोरोना की पुष्टि हुई। दून में भी यह पहला मामला था। इसके बाद हर अंतराल पर कोरोना का ग्राफ बढ़ता रहा। करीब पौने तीन माह के वक्त में विदेश से लौटे लोग, जमाती, प्रवासी या उनके संपर्क में आए लोग और फ्रंटलाइन पर काम करने वाले लोग ही ज्यादातर संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा पिछले कुछ दिनों से दून में ऐसे भी मामले आए हैं जिनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। इनके इन्फेक्शन के सोर्स का भी पता नहीं चल पाया है।

निरंजनपुर मंडी ने तो स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ाई ही पर अब हर अंतराल पर ऐसे मामले आ रहे हैं। मंगलवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में भी दून में कोरोना पॉजीटिव पाए गए छह लोग ऐसे थे, जिनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। इससे पहले भी आइआरडीई के तकनीकी अफसर, कारगी निवासी बैंक कर्मी, बल्लूपुर निवासी परचून की दुकान चलाने वाला शख्स और कई उदाहरण ऐसे हैं।

कई मामले ऐसे आ चुके हैं जो कि वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन होने का संकेत दे रहे हैं। यह बात अलग है कि स्वास्थ्य विभाग फिलवक्त कोरोना के सामुदायिक संक्रमण होने से इनकार कर रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीसी रमोला भी यह बात मानते हैं कि पिछले कुछ दिन में आए मामलों में कई ऐसे हैं जिनका सोर्स अज्ञात है। उनका कहना है कि बुजुर्ग व पहले से बीमार लोगों को खास सतर्कता बरतने की अपील की गई है। राहत की बात यह कि नए मामले गंभीर प्रकृति के नहीं हैं।

आइवीआरआइ मुक्तेश्वर में भी होगी कोरोना जांच

जिले में अभी तक केवल राजकीय मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में ही कोविड-19 की जांच हो रही है। इस लैब पर पूरे कुमाऊं का दबाव है, लेकिन अब आइवीआरआइ मुक्तेश्वर में भी कोविड-19 की जांच संभव हो सकेगी। इसके लिए जिला प्रशासन लंबे समय से प्रयासरत था। अब इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) ने अनुमति प्रदान कर दी है। आइसीएआर कृषि भवन नई दिल्ली में पशु स्वास्थ्य की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. ज्योति मिश्र ने आइवीआरआइ (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) इज्जतनगर के निदेशक और वाइस चांसलर डॉ. आरके सिंह को पत्र भेजकर अनुमति प्रदान करते हुए पत्र भेज दिया है।

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