अंबाती रामबाबू ने कहा- अदलात की कार्यवाही की गलत व्याख्या करना गैरकानूनी

बुधवार को आंध्र प्रदेश चुनाव आयुक्त का कार्यकाल कम करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इसे लेकर वाइएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता अंबाती रामबाबू का बयान आया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने राज्य चुनाव आयुक्त मामले में फैसला नहीं दिया है, सिर्फ राज्य सरकार के पक्ष में रहने से इनकार कर दिया है.

इसके अलावा उन्होंने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अदालत ने उत्तरदाताओं से काउंटर फाइल करने के लिए कहा है, और सुनवाई का पालन होगा. अंबाती बाबू ने कहा कि सुबह से मीडिया का एक वर्ग ऐसी खबरें चला रहा है कि कोर्ट का आदेश एन रमेश कुमार के पक्ष में है और राज्य सरकार के खिलाफ. वहीं कोर्ट ने सुनवाई अगले 4 हफ्तों के लिए स्थगित कर दी है और अदालत दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ही अपना फैसला सुनाएगी. वही, उन्होंने आगे कहा कि प्रो-टीडीपी मीडिया द्वारा ऐसे प्रचार शुरू कर दिया गया है जैसे फैसला आ चुका है और वो सरकार के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि अदलात की कार्यवाही की गलत व्याख्या करना गैरकानूनी है. एक मीडिया वर्ग द्वारा ऐसा रवैया अपनाना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. वाइएसआरसीपी नेता ने कहा कि यदि मीडिया खुद फैसला सुनाता है तो कोर्ट की जरूरत क्या है.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जगन मोहन रेड्डी सरकार ने 10 अप्रैल को आंध्र प्रदेश पंचायत राज अधिनियम में संशोधन करते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यकाल को 5 साल कम करके तीन साल करने का आदेश दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अध्यादेश को रद कर दिया. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपील दायर की. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगान से इनकार कर दिया है. हालांकि कोर्ट की तरफ से राज्य सरकार की याचिका पर नोटिस जारी किया गया है.

Related Articles

Back to top button