गांधी परिवार के वारिस राहुल आज हुए 50 साल के, ऊँच-नीच भरा रहा इनका राजनीतिक जीवन
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज 50 साल के हो गए हैं. उनका जन्म 19 जून, 1970 को दिल्ली में हुआ था. सोनिया और राजीव गांधी के दो बच्चों में राहुल गांधी बड़े हैं. उनकी छोटी बहन प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की राजनीति में कदम जमाने की कोशिश कर रही हैं. नेहरू-गांधी परिवार में जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी प्रधानमंत्री के पद पर सुशोभित हो चुके हैं.
दिवंगत इंदिरा गांधी के पोते राहुल गांधी का राजनैतिक ग्राफ उतार चढ़ाव भरा रहा है. पहली बार 2004 में अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीतकर उन्होंने संसद की दहलीज पर कदम रखा. उन्होंने अमेठी लोकसक्षा क्षेत्र का 2009 और 2014 संसद में प्रतिनिधित्व किया. 2007 में उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया गया. इसके अलावा युवाओं को पार्टी से जोड़ने की उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई. उन्हें कांग्रेस की छात्र इकाई यूथ कांग्रेस और राष्ट्रीय छात्र संघ के कामकाज को देखने के लिए कहा गया.
राहुल को 2017 में कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया
2013 में राहुल गांधी को पार्टी ने आगे बढ़ाने का फैसला किया. उन्हें कांग्रेस उपाध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया और 11 दिसंबर 2017 को कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. 2019 का आम चुनाव राहुल गांधी के लिए किसी झटके से कम साबित नहीं हुआ. उन्हें अपनी पारंपरिक सीट से हार का मुंह देखना पड़ा. भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट से जीत का परचम लहाराया. भले ही राहुल गांधी को अमेठी सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा मगर उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा केरल के वायनाड से बचा ली.
लोगों ने उन्हें भारी मतों से विजयी बनाकर संसद में अपने नुमाइंदे के तौर पर भेजा. 2019 के चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस मुखिया के पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी बतौर अध्यक्ष स्वीकार की. हालांकि आम चुनाव में उन्होंने नरेंद्र मोदी के खिलाफ राफेल सौदे को लेकर भष्ट्राचार का मुद्दा जोर शोर से उछाला था. अपनी सभाओं में राहुल गांधी जगह-जगह प्रधानमंत्री मोदी को ‘चौकीदार चोर है’ करते रहे. मगर जनता ने बीजेपी को एक बार फिर शासन करने का मौका दिया.
गांधी परिवार के वारिस के जन्म दिन को बहुत ही धूमधाम से मनाने की परंपरा रही है. कार्यकर्ता केक काटकर और ढोल नगाड़ों के स्वागत से अपने प्रिय नेता का जश्न मनाते हैं. मगर 20 सैनिकों की शहादत के शोक में इस बार राहुल गांधी का जन्मदिन नहीं मनाया जाएगा. कांग्रेस ने राज्य की इकाइयों को इस बारे में चिट्ठी भेजकर शहीद सैनिकों के सम्मान में कार्यकर्ताओं से मौन रहने का अनुरोध किया है.