राज्‍य में निजी अस्‍पतालों में इलाज के सरकार तय करेगीं रेट, अस्‍पतालों की मनमानी पर लगेगी रोक

हरियाणा में निजी अस्पतालों की मनमानी पर सरकार ने रोक लगाने का मन बना लिया है। प्रदेश में प्राइवेट अस्पताल कोरोना पीडि़त मरीजों से मनमाने दाम न वसूल सकें, इसके लिए सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में दाम तय करने का फैसला लिया है। इनकी घोषणा जल्द कर दी जाएगी। दिल्ली और तमिलनाडू सरकारें पहले ही प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए इलाज की दरें तय कर चुकी हैैं।

हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पास लगातार शिकायतें आ रही थी कि प्राइवेट अस्पताल संचालक कोरोना मरीजों के इलाज के नाम उनके साथ लूटमारी कर रहे हैैं। सामान्य बुखार के मरीजों को भी कोरोना बीमारी का डर दिखाकर अस्पताल में भर्ती किया जा रहा और उनका मोटा बिल बनाया जा रहा है। प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के रेट तय हो जाने के बाद किसी के साथ अन्याय नहीं हो सकेगा।

अनिल विज ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद रिकवरी रेट 56.41 फीसदी पर पहुंच गया है। सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों की कमी और उनके बोझ को कम करने के लिए मेडिकल फाइनल ईयर के छात्रों को सहायक के तौर पर तैनात किया जा रहा है। इसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

चीन और भारत के बीच जारी तनातनी पर कांग्रेस द्वारा सवाल उठाने पर अनिल विज ने कहा कि यह जवाहर लाल नेहरू का भारत नहीं है, जिन्होंने हमें 1962 में पिटवा दिया। यह नरेंद्र मोदी का भारत है, जो जवाब देना जानता है। विज ने कहा कि कांग्रेस के समय में चीन भारत का बहुत बड़ा हिस्सा छीन कर ले गया। कांग्रेस वालों को इस मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। बार बार पीठ में छुरा घोंपने वाले देश चीन के सामान का भारत के लोग इस्तेमाल नहीं करेंगे। लोग खुद इसका विरोध कर रहे हैं।

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