Tik Tok पर लगे प्रतिबंध के बाद Tik Tok हेड का बयान : हमने कोई जानकारी नहीं दी
भारत सरकार (Government of India) की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद TikTok की ओर से बयान आ गया है. उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा है कि हमने किसी भी भारतीय टिकटॉक यूजर की कोई भी जानकारी विदेशी सरकार या फिर चीन की सरकार को नहीं दी है. टिकटॉक इंडिया के हेड निखिल गांधी ने एक बयान में कहा कि, हमें स्पष्टीकरण और जवाब देने के लिए संबंधित सरकारी हितधारकों से मिलने के लिए आमंत्रित किया गया है. आपको बता दें कि टिकटॉक, यूसी ब्राउजर, वीचैट, शेयरइट और कैम स्केनर उन 59 चीन के ऐप्स में शामिल हैं, जिन्हें सरकार द्वारा देशभर में बैन किया गया है.
निखिल गांधी ने कहा, ‘सरकार ने 59 ऐप्स पर अंतरिम प्रतिबंध लगाया है, जिनमें टिकटॉक भी शामिल है. हम इस प्रतिबंध के लिए सरकार से जल्द ही बात करने वाले हैं. टिकटॉक हमेशा की तरह डाटा और प्राइवेसी की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है. हम भारतीय यूजर्स का डाटा चीनी या किसी अन्य सरकार के साथ साझा नही करते हैं.’
— TikTok India (@TikTok_IN) June 30, 2020
टिकटॉक का इस्तेमाल – TikTok को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है. देशभर में मशहूर शॉर्ट वीडियो सर्विस ने यह भी कहा है कि भारतीय कानून के तहत डाटा को गोपनीय रखना और सुरक्षा आवश्यकताओं का पालन करना जारी रखा जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘टिकटॉक ने अपने प्लेटफॉर्म को भारत में 14 भाषाओं में उपलब्ध कराकर इंटरनेट का लोकतांत्रिकरण किया है. इस ऐप का इस्तेमाल लाखों लोग करते हैं. इनमें से कुछ कलाकार, कहानीकार और शिक्षक हैं और अपनी जिंदगी के अनुसार वीडियो बनाते हैं. वहीं कई यूजर्स ऐसे भी हैं, जिन्होंने पहली बार टिकटॉक के जरिए इंटरनेट की दुनिया को देखा है.’
टिकटॉक के प्रवक्ता ने कहा है, ‘भारत सरकार ने 59 ऐप्स पर पाबंदी को लेकर अंतरिम आदेश दिया है. बाइटडांस टीम के 2000 लोग भारत में सरकार के नियमों के हिसाब से काम कर रहे हैं. हमें गर्व है कि भारत में हमारे लाखों यूज़र्स हैं.’
कई भारतीय कंपनियां इसे भारत सरकार का स्वागत योग्य क़दम बता रही हैं. टिकटॉक से प्रतिस्पर्धा में रहने वाले वीडियो चैट ऐप रोपोसो की मालिकाना कंपनी इनमोबी ने कहा कि ये क़दम उसके प्लेटफॉर्म के लिए बाज़ार को खोल देंगे. टिकटॉक के प्रतिद्वंद्वी बोलो इंडिया ने कहा कि उसके बड़े प्रतिद्वंदी पर प्रतिबंध लगने से उसे फ़ायदा मिलेगा.
एक बयान में को-फाउंडर और सीईओ वरुण सक्सेना ने कहा, ‘हम इस फ़ैसले का स्वागत करते हैं, क्योंकि हम सरकार की चिंताओं को समझते हैं. ये बोलो इंडिया और दूसरे भारतीय ऐप्स के लिए एक अवसर है कि वो भारतीय संस्कृति और डेटा सुरक्षा को पहली प्राथमिकता पर रखते हुए बेहतरीन सेवाएं दें.’