पुलिस हिरासत में बाप-बेटे की मौत पर 3 पुलिसवाले हुए गिरफ्तार, गांव वालों ने मनाया जश्न
देशभर में घटना को लेकर गुस्से को महौल को देखते हुए सरकार ने जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी थी. सीबीसीआईडी के इंस्पेक्टर जनरल (IG) और पुलिस अधीक्षक (SP) के नेतृत्व में 12 विशेष टीमों का गठन पिता पुत्र की मौत के मामले की जांच के लिए किया गया है. तमिलनाडु के कानून मंत्री ने हाल ही में कहा था कि सरकार पिता बेटे के कातिलों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.
कोविलपट्टी के न्यायिक मजिस्ट्रेट एमएस बारातिदासन द्वारा सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ में प्रस्तुत की गई चार पन्नों की जांच रिपोर्ट में एक पुलिसकर्मी की गवाही का हवाला दिया गया था. यह पुलिसकर्मी केस में एकमात्र गवाह है जिसने पुष्टि की है कि पिता और पुत्र दोनों को पूरी रात थाने में पीटा गया था. यह भी पता चला है कि उस रात कैमरे की फुटेज स्टेशन के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे से ऑटो-डिलीट होने के कारण उपलब्ध नहीं थी.
मजिस्ट्रेट ने एक महिला हेड कांस्टेबल की गवाही दर्ज की है. वह एकमात्र गवाह है जो 19 जून की रात वहां मौजूद थी. उसने गवाही दी है कि पिता और पुत्र को 19 जून की पूरी रात पीटा गया था. उसके अनुसार लाठियों और एक मेज पर खून के धब्बे थे. उसने मजिस्ट्रेट से उन्हें तुरंत कब्जे में लेने के लिए भी कहा था.
बता दें कि पी जयराज और उनके बेटे जे फेनिक्स के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि लॉकडाउन के दौरान अपनी मोबाइल दुकान खुली रखने को लेकर पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए इन दोनों के साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की. जेल अधिकारियों के अनुसार जब फेनिक्स को जेल लाया गया तब उसके शरीर से खून बह रहा था.
तूतीकोरिन के जिलाधिकारी संदीन नंदूरी ने बताया कि दोनों को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें कोविलपट्टी उपजेल में रखा गया था. उन्होंने बताया कि फेनिक्स बीमार पड़ गया और 22 जून को कोविलपट्टी सामान्य अस्पताल में उसकी मौत हो गई. जबकि उसके पिता की मंगलवार को मौत हो गई थी.