कोरोना पर लगाम लगाने में जुटी योगी सरकार, डेढ़ लाख कोविड बेड वाला UP बना पहला राज्य
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने की खातिर तमाम जतन करने वाली योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। कोविड-19 पर नियंत्रण और प्रदेश में इससे पीडि़तों को सुविधाएं बढ़ाने के यहां डेढ़ लाख कोविड बेड तैयार हैं। डेढ़ लाख कोविड बेड तैयार करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य हो गया है। यहां पर अब रोज 25 हजार से अधिक टेस्ट भी हो रहे हैं।
प्रदेश सरकार के अनुसार सभी बेहद जरूरी सुविधाओं वाले एक लाख 51 हजार कोविड बेड तैयार करने वाला यूपी पहला राज्य बन गया है। इसके साथ ही यहां पर संक्रमितों के अनुपात में इस कहर से स्वस्थ होने वालों की प्रतिशत दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण करने में लगे सीएम योगी आदित्यनाथ रोज अपनी टीम-11 के साथ समीक्षा बैठक में तमाम उपाय करने के साथ चल रहे काम का असर भी देखते हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन (मुख्यमंत्री ऑफिस) में समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि प्रदेश के दिल्ली से सटे छह जिलों में अब टेस्टिंग का महाअभियान चलाया जाए। इसमे नोएडा व गाजियाबाद भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने दिल्ली से सटे पश्चिमी यूपी के इलाकों में तेजी से कोविड जांच को लेकर निर्देश दिए हैं। इसके तहत गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत में हर घर पहुंचकर मेडिकल टीमें कोविड जांच कर रही हैं। इस बड़े अभियान में टीमें हर जगह पर इंफ्रारेड थर्मामीटर, पल्स आक्सीमीटर और सैनेटाइजर के साथ घर-घर पहुंच कर टीमें लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग करने में जुटी हैं। इस जांच में संक्रमित लोगों को तलाश कर जिलों के कोविड अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा।
प्रदेश में इन दिनों रोज 25 हजार से अधिक टेस्ट हो रहे हैं। सरकार ने सूबे में मेडिकल स्क्रीनिंग का काम तेजी से हो, इसके लिए एक लाख मेडिकल टीमें लगाई हैं। इनके अलावा इन सभी की निगरानी के लिए जिलों में अलग से सॢवलांस टीमें भी तैनात की हैं। इनमें आइएएस अधिकारी तथा चिकित्सा विभाग के आलाअधिकारी भी हैं।
यूपी में अब तक 6500 कोविड हेल्प डेस्क
प्रदेश में लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए अब तक 6500 कोविड हेल्प डेस्क खोली जा चुकीं हैं। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि हेल्प डेस्क खोलने का काम तेजी से किया जा रहा है। अस्पतालों के अलावा सरकारी विभागों में भी इन हेल्प डेस्क को खोला जा रहा है। अब यहां पर इंफ्रारेड थर्मामीटर व पल्स आक्सीमीटर से लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इसका मकसद ऐसे सार्वजनिक स्थान जहां, लोगों का आवागमन अधिक है, वहां कोरोना के प्रसार को रोकना और लोगों को जागरूक करना है। निजी अस्पतालों में भी अब कोरोना की जांच ट्रूनैट मशीनों से किए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) से अनुमति मांगी गई है। ट्रूनैट मशीन का प्रयोग टीबी की जांच के लिए किया जाता है लेकिन, इससे कोरोना जांच भी हो सकती है। यह मशीन कोरोना जांच की रिपोर्ट सिर्फ 45 मिनट में दे देती है। जबकि आरटी-पीसीआर जांच में काफी समय लगता है। गाजियाबाद में कोरोना जांच के लिए एक बड़ी लैब जल्द खोली जाएगी।