स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन के लिए जारी की नई गाइडलाइन, जानें इसकी की मुख्य बातें…
देश भर में इन दिनों कोरोना के ज्यादातर ऐसे मरीज मिल रहे हैं जिनमें इस बीमारी के लक्षण नहीं हैं. लिहाजा सरकार ने होम आइसोलेशन के नियमों में बदलाव किया है. अब लक्षण में शुरुआत के 10 दिन बाद ही मरीजों को डिस्चार्ज माना जाएगा. लेकिन ये देखना जरूरी है कि मरीज को 3 दिन बुखार न हो. पहले ऐसे मरीजों को 17 दिनों के बाद डिस्चार्ज माना जाता था. साथ ही ये भी देखा जाता था कि उन्हें 10 दिनों के बाद बुखार न आए.
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ जारी नई गाइडलाइन में कहा गया है कि होम आइसोलेशन के लिए डॉक्टरों की अनुमति जरूरी है. हल्के लक्षण या बगैर लक्षण वाले मरीज जिनको कोई दूसरी बीमारी नहीं है वो होम आइसोलेशन में रहते हुए अपना इलाज करा सकेंगे. लेकिन इसके लिए पहले डॉक्टर की परमिशन लेनी जरूरी होगी. अगर होम आइसोलेशन में मरीज को सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द या बोलने में दिक्कत होती है तो उन्हें अस्पताल आना होगा.ये है गाइडलाइन की मुख्य बातें…
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ जारी नई गाइडलाइन में कहा गया है कि होम आइसोलेशन के लिए डॉक्टरों की अनुमति जरूरी है. हल्के लक्षण या बगैर लक्षण वाले मरीज जिनको कोई दूसरी बीमारी नहीं है वो होम आइसोलेशन में रहते हुए अपना इलाज करा सकेंगे. लेकिन इसके लिए पहले डॉक्टर की परमिशन लेनी जरूरी होगी. अगर होम आइसोलेशन में मरीज को सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द या बोलने में दिक्कत होती है तो उन्हें अस्पताल आना होगा.ये है गाइडलाइन की मुख्य बातें…
>>HIV, कैंसर, प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता (Transplant recipients) के मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी.
>>60 साल से ऊपर के मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति मेडिकल ऑफ़िसर के उचित मूल्यांकन के आधार पर तय होगी.
>>इसके अलावा डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कैंसर, किडनी, फेफड़ों से सबंधित गंभीर बीमारी वाले मरीजों को भी होम आइसोलेशन की छूट मेडिकल ऑफिसर के उचित मूल्यांकन के आधार पर मिलेगी.
>>होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को परिवार के सदस्यों से बिल्कुल अलग-थलग रहना होगा.
>>होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज की देखभाल के लिए 24 घंटे एक केयर गिवर होगा. जो अस्पताल और मरीज के बीच सेतु का काम करेगा.
>>केयर गिवर को डॉक्टर की सलाह के तहत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेनी होगी.
>>होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज के मोबाइल में आरोग्यसेतु ऐप होना चाहिए जो पूरी तरह सक्रिय हो.