किसी एक खिलाड़ी के दम पर नहीं जीती जाती ट्रॉफी, हैरान करने वाले हैं IPL के आंकड़े

इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल का इतिहास एक दशक से ज्यादा का हो गया है, क्योंकि इसके 12 सीजन खेले जा चुके हैं और 13वां सीजन कोरोना वायरस महामारी के कारण टाल दिया गया है। आइपीएल के अब तक खेले गए 12 सीजनों में से एक भी बार ऐसा नहीं हुआ है, जब किसी टीम ने आइपीएल की ट्रॉफी के साथ-साथ उस टीम के खिलाड़ियों ने ऑरेंज कैप (टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन) और पर्पल कैप (टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट) पर भी अपना अधिकार जमाया हो।

सिर्फ चार मौकों पर ऐसा देखा गया है कि किसी टीम ने आइपीएल का खिताब जीता है और उसी के किसी खिलाड़ी ने या तो पर्पल कैप या फिर ऑरेंज कैप जीता है। इससे साफ पता चलता है कि मैच भले ही किसी एक खिलाड़ी के दम पर जीता जा सकता है, लेकिन टूर्नामेंट को जीतने के लिए आपको टीम भावना की जरूरत होती है, जिसमें कभी कोई दूसरा बल्लेबाज रन बनाए तो कभी कोई दूसरा गेंद विकेट निकाले। इसी के दम पर टूर्नामेंट जीते जाते हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण दुनिया की सबसे महंगी टी20 लीग है।

दरअसल, आइपीएल के इतिहास में अब तक 8 बार ऐसा हो चुका है, जब अन्य टीमों के खिलाड़ियों को टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने के लिए ऑरेंज कैप और सबसे ज्यादा विकेट चटकाने के लिए पर्पल कैप मिला है। आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2010 में सीएसके ने पहली बार आइपीएल टाइटल जीता था, लेकिन उस साल सीएसके का कोई भी बल्लेबाज ऑरेंज कैप और कोई भी गेंदबाज पर्पल कैप हासिल नहीं कर सका था। 2011 में भी सीएसके के साथ ऐसा ही हुआ था।

हैरान करने वाली बात तो ये है कि आइपीएल की सबसे सफल टीम मुंबई इंडियंस ने चार बार इस लीग का चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया है, लेकिन एक भी मौके पर टीम के खिलाड़ी पर्पल कैप और ऑरेंज कैप हासिल नहीं कर पाए हैं। यहां तक कि चार बार की चैंपियन टीम का एक भी खिलाड़ी खिताबी साल में पर्पल या ऑरेंज कैप में से कोई एक खिताब भी हासिल नहीं कर सका है। सीएसके के साथ भी तीन बार ऐसा हो चुका है।

बिना पर्पल कैप और ऑरेंज कैप हासिल किए चैंपियन बनने वाली टीमें

2010 में चेन्नई सुपर किंग्स

2011 में चेन्नई सुपर किंग्स

2012 में कोलकाता नाइट राइडर्स

2013 में मुंबई इंडियंस

2015 में मुंबई इंडियंस

2017 में मुंबई इंडियंस

2018 में चेन्नई सुपर किंग्स

2019 में मुंबई इंडियंस

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