जेल में COVID-19 से बचाव के लिए कैदियों की बढाई जाएगीं रोग-प्रतिरोधक क्षमता

जेल में कोरोना वायरस की घुसपैठ से निपटने को कारागार प्रशासन अब कैदियों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की कोशिश में जुट गया है। इसके लिए कैदियों के खाने के मैन्यू में पौष्टिक आहार को बढ़ाने के साथ ही शारीरिक रूप से कमजोर और बीमार कैदियों को दूध के साथ हॉर्लिक्स, नींबू-पानी और अंडा देना शुरू कर दिया गया है। वहीं, सभी बैरकों में योग का सत्र भी शुरू कर दिया गया है, ताकि कैदी कोरोना से लड़ने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार हो सकें।

जिला कारागार में बीते दिनों 98 कैदियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। आनन-फानन नए बंदियों को रखने के लिए डिटेंशन सेंटर बनाया गया तो कोरोना पॉजिटिव बंदियों को अस्पताल से अलग कोविड सेंटर में रखने का भी फैसला ले लिया गया। इन सबके बीच अभी दावे के साथ यह नहीं कहा जा सकता है कि जेल में कोरोना का खतरा कम हो गया है। इस बात को जेल प्रशासन भी समझ गया है, जिसे देखते हुए अब कैदियों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर देना शुरू कर दिया है। कोशिश की जा रही है कि कैदियों को नियमित दिए जाने वाले खाने में उस आहार को भी शामिल किया जाए, जिससे रोगों से लडऩे की क्षमता में वृद्धि होती हो।

कैदियों में नहीं दिखे थे लक्षण

जिला कारागार में जितने भी कैदी कोरोना पॉजिटिव पाये गए, वह सभी बिना लक्षण वाले थे। ऐसे में यह तो साफ है कि कैदियों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी बेहतर है। इसे पौष्टिक आहार से और मजबूत कर कोरोना को जेल में फैलने से रोका जा सकता है।

नाश्ते में अंडा-दूध, खाने में राजमा

जेल में सामान्य दिनों में सुबह सात बजे तक नाश्ता, दोपहर बारह बजे तक भोजन और शाम छह बजे तक रात का खाना दे दिया जाता है। कोरोना संकट से निपटने के लिए नाश्ते में दूध और अंडा शामिल करते हुए दोपहर और रात के खाने में सब्जी और दाल के साथ राजमा भी शामिल कर लिया गया है। हर कैदी को कम से कम सौ ग्राम राजमा दिया जा रहा है।

बनाया गया नया मैन्यू

कैदियों को हर दिन सुबह एक बार ही चाय मिलती है, अब दो बार चाय दी जाएगी। यानी कैदियों को सुबह के बाद दोपहर और शाम के बीच में भी एक बार फिर चाय दी जाएगी। इसके साथ ही नींबू-पानी भी दिया जाएगा। जेल में निरुद्ध बीमार, बुजुर्ग और शारीरिक रूप से कमजोर कैदियों को सुबह दूध के साथ हॉर्लिक्स भी दिया जाएगा। जेल अधीक्षक एमएस ग्वाल ने बताया कि संक्रमण को फैलने से रोकने को हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से आयुष काढ़े की भी मांग की है, जो एक-दो दिन में पहुंच जाएगा।

बैरकों में चल रहा योग सत्र

जेल में योग का सत्र तो काफी दिनों से चल रहा है। इसमें बंदी सामूहिक रूप से योगासन करते हैं, लेकिन अब इसे बैरक तक की सीमित कर दिया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि कैदी अपनी बैरक से बाहर आए बिना योग कर सके। हर बैरक के चार से पांच कैदियों को योगा का प्रशिक्षण दिया गया है। वहीं, कारागार अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. पीवीके प्रसाद ने बताया कि जेलों में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। कैदियों के खाने में पौष्टिक आहार शामिल करने के साथ दूध, अंडा, हॉर्लिक्स और आयुष काढ़ा भी दिया जा रहा है। इसके साथ ही योगा भी कराया जा रहा है।

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