WHO ने रूस की कोरोना वैक्सीन को लेकर किया आगाह, कहा- उन्होंने नहीं किया तीसरा ट्रायल
रूस ने कोविड-19 वैक्सीन पर सभी क्लिनिकल ट्रायल ख़त्म होने का ऐलान कर दिया है और कहा है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते से ही मास वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू करने वाला है. हालांकि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रूस की वैक्सीन को लेकर कई तरह के शक जाहिर किये है. WHO ने कहा है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय गाइडलाइंस का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है.विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियन लिंडमियर से यूएन प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ये कहकर सबको चौंका दिया कि अगर किसी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो इसे खतरनाक मानना ही पड़ेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वैक्सीन उत्पादन के लिए कई गाइडलाइन्स बनाई गई हैं, जो टीमें भी ये काम कर रहीं हैं उन्हें इसका पालन करना ही होगा. क्रिस्टियन लिंडमियर ने कहा, ‘जब भी ऐसी ख़बरें आएं या ऐसे क़दम उठाए जाएं तो हमें सावधान रहना होगा. ऐसी ख़बरों के तथ्यों की जांच सतर्कता के साथ की जानी चाहिए.’
Our message to governments and people is clear:
-Test, isolate & treat #COVID19 patients, trace & quarantine their contacts; inform, empower & listen to communities
-Keep physical distance, wear a mask, clean hands regularly & cough safely away from others
Do it all! pic.twitter.com/cbVwuOj7Tf
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) August 3, 2020
क्रिस्टियन लिंडमियर ने कहा, ‘कई बार ऐसा होता है कि कुछ शोधकर्ता दावा करते हैं कि उन्होंने कोई खोज कर ली है जो कि वाक़ई बहुत अच्छी ख़बर होती है. लेकिन कुछ खोजने या वैक्सीन के असरदार होने के संकेत मिलने और क्लीनिकल ट्रायल के सभी चरणों से गुजरने में बहुत बड़ा फ़र्क़ होता है. हमने आधिकारिक तौर पर ऐसा कुछ नहीं देखा है. अगर आधिकारिक तौर पर कुछ होता तो यूरोप के हमारे दफ़्तर के सहयोगी ज़रूर इस पर ध्यान देते.’ विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता ने कहा, ‘एक सुरक्षित वैक्सीन बनाने को लेकर कई नियम बनाए गए हैं और इसे लेकर गाइडलाइन्स भी हैं. इनका पालन किया जाना ज़रूरी है ताकि हम जान सकें कि वैक्सीन या कोई भी इलाज किस पर असरदार है और किस बीमारी के ख़िलाफ़ लड़ाई में मदद कर सकती है.’ उन्होंने कहा, गाइडलाइन का पालन करने से हमें ये भी पता चलता है कि क्या किसी इलाज या वैक्सीन के साइड इफेक्ट हैं या फिर कहीं इससे फायदे के बजाय नुकसान तो ज्यादा नहीं हो रहा है.रूस के दावे सवालों के घेरे में
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रहीं 25 वैक्सीन को सूचीबद्ध किया है जबकि 139 वैक्सीन अभी प्री-क्लीनिकल स्टेज में हैं. रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको (Mikhail Murashko) ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में अक्टूबर से कोरोना वैक्सीन के मास वैक्सीनेशन के लिए उपलब्ध हो जाने ऐलान कर दिया. मिखाइल ने बताया कि गामालेया इंस्टीट्यूट ने कोरोना वैक्सीन पर सभी क्लिनिकल ट्रायल पूरे कर लिए हैं और नतीजे काफी अच्छे हैं. फिलहाल वैक्सीन रजिस्ट्रेशन और डिस्ट्रीब्यूशन की प्रक्रिया में है. उन्होंने कहा कि हम अक्टूबर से मास वैक्सीनेशन शुरू कर देंगे. सबसे पहले डॉक्टर्स और टीचर्स के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी. मिखाइल के मुताबिक रूस की इस वैक्सीन को अगस्त के अंत तक मंजूरी मिल जाएगी.