कृष्णानंद राय हत्याकांड का आरोपित शूटर हनुमान पाण्डेय की STF से हुई मुठभेड़ में गई जान

अरापध तथा अपराधियों के खिलाफ प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर काम जारी है। इसी क्रम में लखनऊ में रविवार को उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम ने वाराणसी एसटीएप के साथ एक लाख के इनामी बदमाश हनुमान पाण्डेय उर्फ राकेश को मुठभेड़ में ढेर कर दिया।

गाजीपुर के मोहम्मदाबाद से भाजपा के विधायक कृष्णानंद राय की में नवंबर 2005 में हत्या में बसपा विधायक मुख्तार अंसारी सहित छह लोगों के साथ मुख्य आरोपित रहे राकेश पाण्डेय को मुख्तार अंसारी गैंग का शार्प शूटर माना जाता था। एक लाख के इनामी को पुलिस ने लखनऊ के सरोजनी नगर में ढेर कर दिया। इसकी जानकारी एसटीएफ के आइजी अमिताभ यश ने दी है।

मुख्तार अंसारी के साथ ही हनुमान पाण्डेय को मुन्ना बजरंगी का भी बेहद करीबी था। माना जाता है कि उसका निशाना अचूक था। एके-47 व एके-56 के साथ वह ऑटोमेटिक पिस्टल चलाने में माहिर था। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद राकेश पांडे अब मुख्तार अंसारी गैंग का बड़ा शूटर बन गया था। मऊ के कोपागंज निवासी राकेश पांडेय के खिलाफ गाजीपुर के साथ ही प्रयागराज तथा भदोही में कई मामले दर्ज हैं। हनुमान पाण्डेय के खिलाफ हत्या के 12 मामले चल रहे हैं जबकि उसपर 15-16 लोगों की जान लेने का आरोप है।

लखनऊ के सरोजनीनगर में भी वह अपने पांच साथियों के साथ किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने आया था। इंडिया वॉच न्यूज चैनल का स्टीकर लगी इनोवा से यह लोग सैनिक स्कूल के पास एसटीएफ के घेरे में आ गए। पुलिस एनकाउंटर में उसके साथ मौजूद चार लोग भागने में कामयाब हो गए। पुलिस की गोली से घायल हनुमान पांडेय को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

पुलिस पर की ताबड़तोड़ फायरिंग, जवाबी कार्रवाई में ढेर 

वाराणसी एसटीएफ व लखनऊ पुलिस की टीम शूटर हनुमान उर्फ राकेश पांडेय तलाश में लगी थी। सुबह पांच बजे के करीब सरोजनीनगर थाने से चंद कदम दूरी कैप्टन मनोज पांडेय चौराहे पर पुलिस ने आरोपित हनुमान पांडेय की कार को पीछे से टक्कर मारी। जिससे उसकी कार डिवाइडर पर जा लड़ी। इस कार में शूटर हनुमान पांडेय के साथ चार लोग और बैठे थे। कार से निकलकर हनुमान पांडेय ने पुलिस की गाड़ी ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू दी। जवाबी कार्रवाई  में पुलिस ने भी उस पर गोली चलाई। जिससे वह मौके पर ही गिर गया। शूटर हनुमान पांडेय के सीने में गोली लगी। आनन-फानन उसे लोहिया अस्पताल ले जाया गया। जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।

मुख्तार अंसारी और माफिया मुन्ना बजरंगी का करीबी 

एनकाउंटर में मारे गए इनामी बदमाश हनुमान उर्फ राकेश पांडेय का काफी लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। उसके खिलाफ लखनऊ सहित गाजीपुर, प्रयागराज, मऊ, रायबरेली में 10 मुकदमे गंभीर धाराओं में पंजीकृत हैं। मऊ के कोपागंज का रहने वाला राकेश पांडेय ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह हत्याकांड में भी मुख्तार अंसारी के साथ सह आरोपी था। शूटर हनुमान पांडेय को बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी और माफिया मुन्ना बजरंगी का करीबी माना जाता है। उसके खिलाफ दर्ज मामलों के कारण  प्रयागराज और मऊ पुलिस ने आरोपित पर इनाम भी घोषित कर रखा था। उसने अपनी पत्नी के नाम पर असलहे का लाइसेंस ले रखा था, उस मामले में भी वह नामजद है।

एसटीएफ एसएसपी सुधीर कुमार ने बताया कि शातिर बदमाश हनुमान पांडेय उर्फ रोकश पांडेय की सूचना बनारस एसटीएफ को मिली थी। इसकी तलाश एसटीएफ बनारस टीम और हेडक्वाटर टीम को थी। एडिशनल एसपी राज सिंह के नेतृत्व में ये एन्काउंटर हुआ। यहां आकर इनकी पेड़ से गाड़ी टकराई, कार में पांच बदमाश सवार थे। इन्होंने फायरिंग की जिसमें हनुमान पांडेय  उर्फ रोकश पांडेय को गोली लगी। बाकि बदमाश बचकर भाग निकले। राकेश पांडेय को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।

भाजपा के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का था आरोपित

गाजीपुर के मोहम्मदाबाद से भाजपा के विधायक कृष्णानंद राय की नवंबर 2005 में हत्या कर दी गई थी। एके-47 से लैस आधा दर्जन बदमाशों ने विधायक के काफिले को घेरकर करीब 400 राउंड से भी अधिक गोलियां बरसाई थीं। इसमें भाजपा विधायक कृष्णानंद सहित सात लोगों की मौत हो गई थी।

कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी सहित सभी बरी

भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने विधायक मुख्तार अंसारी तथा उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। 2005 में हुए इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और भाई अफजाल अंसारी समेत संजीव माहेश्वरी, हनुमान पाण्डेय उर्फ राकेश, एजाजुल हक, रामू मल्लाह और मुन्ना बजरंगी को आरोपी बनाया गया था। कृष्णानंद राय उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। 29 नवंबर, 2005 को कृष्णानंद राय और उनके छह समर्थकों की दिनदहाड़े एके-47 से अंधाधुंध गोलीबारी करके हत्या कर दी गई थी। सीबीआई ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता माना था। पोस्टमॉर्टम में राय के शरीर में 21 गोलियां पाई गई थीं।

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