ऑफिस या कार्य स्थल पर सहयोगियों से इन बातों को भूल कर भी ना करे शेयर
दफ्तर में या कार्य स्थल पर कुछ बातों को अपने सहयोगी से साझा करने से बचना चाहिए. एक ही जगह काम करते हुए दोस्त बनाना और सहयोगियों से मधुर संबंध विकसित करना स्वाभाविक है. लेकिन आपको सहयोगियों से निजी बातों को शेयर करते समय लक्ष्मण रेखा खींचनी चाहिए. कुछ बातों पर अमल कर जिंदगी में आनेवाली मुश्किल को टाला जा सकता है.
वेतन संबंधी जानकारी
अपका सहयोगी कितना भी घनिष्ठ क्यों न हों, उससे वेतन संबंधी जानकारी साझा करने से बचना चाहिए. वेतन के बारे में जानकारी से पता चलता है कि आप प्रोफेशनल बातों को गुप्त रखने में अक्षम हैं. ये गैर जरूरी तुलनात्मक और दबाव का कारण बन सकता है.
मेडिकल की जानकारी
चाहे आप अपने सहयोगी से कितना भी समर्थन क्यों न पा रहे हों मगर फिर भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को अपने तक ही सीमित रखें. इससे आपका सहयोगी किसी हद तक आपको बोझ नहीं समझेगा.
काम संबंधी शिकायत
काम का दबाव, तनाव का स्तर और काम संबंधी शिकायतें करने से कोई फायदा नहीं होता है. अगर आप कंपनी की नीतियों से सहमत नहीं हैं तो संबंधित लोगों तक अपनी बात को पहुंचाएं. काम के बारे में सहयोगी से शिकायत करने की भूल न करें.
अंतरंग जानकारी
आपकी निजी जिंदगी में किसी भी सहयोगी की रुचि नहीं होती है. इसलिए जीवन के अंतरंग पहलुओं को सहयोगियों से साझा करने से बचना चाहिए. हो सकता है आपकी जानकारी साझा करना आपके खिलाफ किसी वक्त हथियार बन जाए.
सहयोगियों के बारे में नकारात्मक राय
अगर आप किसी सहयोगी की जीवनशैली, प्रोफेशनल क्षमता से सहमत नहीं हैं तो आमने-सामने बात कर समस्या को सुलझाया जा सकता है. अगर आप ये भी नहीं करना चाहते हैं तो सहयोगी के बारे में नकारात्मक बातें न कहें. क्या आप कार्य स्थल पर गैर जरूरी विवाद पसंद करेंगे?
नस्लीय टिप्पणी करने से बचें
मान लीजिए आपको लग रहा है कि आपका सहयोगी नस्लीय मजाक से खुद को अपमानित महसूस नहीं कर रहा है. अगर ऐसा मन में विचार रखते हैं तो आप गलत हो सकते हैं. नस्लीय टिप्पणी या मजाक से खतरे को मोल लेने की भूल न करें. अगर आपको लग रहा है कि कुछ खास तरह की टिप्पणी से आपका सहयोगी नाराज नहीं होगा तो दफ्तर में इस बारे में बात करने से बचें.