भाजपा और फेसबुक लिंक विवाद में शिवसेना की एंट्री, मोदी सरकार पर किया वार

केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा भाजपा पर देश में Facebook और WhatsApp को नियंत्रित करने का आरोप लगाए जाने के बाद शिवसेना भी भाजपा को घेरने में लग गई है. शिवसेना के मुखपत्र सामना की संपादकीय में लिखा है कि लोकसभा चुनाव 2014 में हुई भाजपा की प्रचंड जीत की बड़ी वजह Facebook और WhatsApp रही है. भाजपा ने इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए सांप्रदायिक तनाव फैलाया है.

सामना के संपादकीय में लिखा है कि अमेरिकी मीडिया ने इस संबंध में खुलासा किया है कि सोशल मीडिया में जन्मे गोबेल्स स्वयं का कानून, न्याय-व्यवस्था, स्वयं की जेल, आरोपियों के लिए कटघरे आदि बनाकर किसी को भी टारगेट बनाते हैं और किसी को भी सूली पर चढ़ाते रहते हैं. सोशल मीडिया के ये नए ‘लश्कर-ए-होयबा’ सियासी पार्टी और संगठनों के वैतनिक कर्मी होते हैं. वे अपने विचारों का प्रचार करते हैं, वहीं दूसरों के संबंध में जहर भी उगलते रहते हैं. 2014 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने मोदी की अगुवाई में जीता. उसमें भाजपा के वेतन पर चलने वाली सोशल मीडिया की फौज का अहम योगदान था.

सामना में लिखा है कि तत्कालीन पीएम डॉ. मनमोहन सिंह और राहुल गांधी को गोबेल्स टोली ने निकम्मा सिद्ध कर दिया. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को ‘मौनी बाबा’ और राहुल गांधी को ‘पप्पू’ करार दे दिया गया. उसी वक़्त सोशल मीडिया ने मोदी पर सुपरमैन, एकमेव तारणहार और विष्णु के तेरहवें अवतार के तौर पर मुहर लगा दी. सोशल मीडिया पर गत सात सालों में झूठ को सच और सच को झूठ बनाने का कार्य हुआ है. अफवाह और जातीय व सांप्रदायिक द्वेष फैलाकर राजनीतिक फायदा उठाया गया.

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