चालीस साल की उम्र के बाद इन हैबिट्स की वजह से बढ़ाता हैं दिल की बीमारी का खतरा

बढ़ती उम्र (Age) के साथ शारीरिक (Physical) और मानसिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत सारे बदलाव होते हैं. 40 साल की उम्र एक ऐसा पड़ाव होता है, जिसमें व्यक्ति को कई मामलों में सर्तकता बरतनी होती है. इस उम्र के करीब आने पर पहले की तरह जीवनशैली (Lifestyle) नहीं अपनाई जा सकती है, बल्कि अपनी आदतों पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है. गतिहीन जीवनशैली के कारण इस उम्र के लोगों को दिल की बीमारियां (Diseases) घेरने लगी हैं. myUpchar से जुड़े एम्स के डॉ. नबी वली ने बताया कि दिल की बीमारियां यानी हृदय रोग (Heart Disease) के अंतर्गत आने वाले रोगों में रक्त वाहिका रोग, जैसे कोरोनरी धमनी रोग, हृदय की धड़कनों में होने वाली समस्या और जन्म से ही होने वाले हृदय दोष आदि आते हैं. कई प्रकार के हृदय रोगों को जीवनशैली में बदलाव से रोक सकते हैं. जानिए 40 की उम्र के बाद हृदय की सेहत के लिए किन आदतों से बचना है. नाश्ता न करना लोग दिन की शुरुआत में ही सबसे बड़ी गलती करते हैं और वह है नाश्ता न करने की आदत. अपने दिन की शुरुआत स्वस्थ नाश्ते से करने से दिल की बीमारियों को दूर रख सकते हैं. कई शोधों में नाश्ता खाने और कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम करने के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी देखी गई. बिल्कुल भी व्यायाम न करना शारीरिक रूप से असक्रिय रहना हृदय रोग के लिए बड़ा जोखिम होता है. उन लोगों के लिए यह वाकई खतरनाक हो सकता है जो कि जरा भी व्यायाम नहीं करते हैं. व्यायाम करने से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, वजन और यहां तक कि तनाव का स्तर कम करने में भी मदद मिलती है, जिससे दिल के दौरे की आशंका घट जाती है. बहुत ज्यादा सोना जहां नींद की कमी हृदय के स्वास्थ्य के लिए बुरी हो सकती है, वहीं बहुत ज्यादा नींद लेना भी अच्छा नहीं है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित शोध में खुलासा हुआ था कि आठ घंटे से ज्यादा समय सोना व्यक्ति में कार्डियोवेस्क्युलर डिसीज के जोखिम को बढ़ा सकता है. पूरे दिन बैठना 9-10 घंटे लगातार बैठकर काम कर रहे हैं तो जरा सावधान हो जाइए. यह रूटीन दिल की बीमारी का कारण बन सकता है. बिना शारीरिक गतिविधि के लगातार बैठना हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. myUpchar से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला ने बताया कि लंबे समय तक बैठने से हृदय स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, फिर इससे फर्क नहीं पड़ता कि रोजाना कितना व्यायाम करते हैं. बेहतर होगा कि ज्यादा बैठक वाली नौकरी करते हुए भी बीच-बीच में ब्रेक लेना और पैदल चलना जारी रखें. ज्यादातर समय अकेले बिताना दोस्तों का होना ना केवल खुशियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि दोस्ती लंबे समय में दिल की सेहत बनाने में भी मदद कर सकती है. लोगों से कटे हुए रहना और ज्यादा तक समय अकेले बिताना दिल की बीमारी का जोखिम पैदा कर सकता है. जर्नल हार्ट में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक जिन लोगों का सामाजिक रूप से रिश्ता कमजोर था, उनमें हृदय रोगों का जोखिम 29 प्रतिशत ज्यादा पाया गया है.

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