महिलाओं को जरुर करना चाहिए हल्दी का सेवन, अंदरूनी समस्याओं से मिलेगा छुटकारा

हल्दी हर घर की बुनियादी जरूरत है. इसके बिना खाना बनाना आसान नहीं. इसका इस्तेमाल न सिर्फ खाने को स्वादिष्ट बनाने में किया जाता है बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य में फायदा पहुंचाता. महिलाएं खाना बनाने के दौरान मसाला से मिलनेवाले फायदे से अंजान रहती हैं.

हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी वायरल, एंटी इंफ्लामेशन, एंटी बैक्टीरिया और एंटी माइक्रोबिल तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा बीटा केरोटीन, एसकॉर्बिक एसिड, विटामिन सी, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, पोटैशियम, जिंक समेत कई अन्य घटकों की मौजूदगी होती है. इसका इस्तेमाल महिलाएं माहवारी, इम्युन सिस्टम, गर्भावस्था और पीसीओडी जैसी पेचीदा समस्या में कर सकती हैं. पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर आमतौर पर महिलाओं के अंदर हॉर्मोनल असंतुलन के कारण होती है. महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन एण्ड्रोजन का लेवल बढ़ने पर इसके लक्षण सामने आते हैं.

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए
हल्दी को चाय या अन्य पेय में मिलाकर इस्तेमाल करना चाहिए. प्रतिदिन हल्दी को खाना में शामिल करने के अलावा पीने का भी हिस्सा बनाया जाना चाहिए.

माहवारी की समस्या के लिए
माहवारी के किसी भी समस्या में हल्दी का जरूर सेवन करना चाहिए. इससे शरीर में होनेवाले दर्द और मूड को फायदा मिलता है. वेजिना संक्रमण से हल्दी सुरक्षा प्रदान करती है.

हार्मोन के लिए
बढ़ती उम्र के साथ लड़कियों के हार्मोन बिगड़ने और शरीर में गैर जरूरी बदलाव की शिकायत हो रही है. हल्दी का इस्तेमाल कर महिलाओं को होनेवाली अंदरूनी समस्या से छुटकारा मिल सकता है. वेजिना में अच्छे बैक्टिरिया की मात्रा बढ़ने और कैंडिडा की मात्रा घटने से संक्रमण होता है.

कमर दर्द और अन्य मुसीबत
कमर दर्द के अलावा अक्सर महिलाएं जोड़ में दर्द, उठने-बैठने में परेशानी की शिकायत करती हैं. अगर हल्दी का पैक बनाकर प्रभावित जगह पर लगाया जाए तो आराम मिलेगा.

दूध पिलानेवाली महिलाओं के लिए
दूध पिलाने वाली महिलाओं को अक्सर सूजन, जकड़ या कम दूध आने की शिकायत होती है. मगर हल्दी का दूध पीकर या पकवान में हल्दी शामिल कर समस्या को ठीक किया जा सकता है.

गर्भवती महिला और बच्चे के लिए
गर्भ के समय महिलाओं को कई तरह की मुसीबतों से जूझना पड़ता है. नुकसान से बचने के लिए गर्भ में पल रहे शिशु के प्रति महिलाएं ज्यादा चौकन्ना रहती हैं. गर्भावस्था में हल्दी का सालन मुफीद होगा. मगर कम मात्रा में इस्तेमाल किया जाना चाहिए. मां और गर्भ में पल रहे बच्चे को फायदा होगा.

सुरक्षा
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को ख्याल रखना चहिए कि हल्दी का इस्तेमाल सिर्फ खाने में ही करें. इसके लिए कैप्सूल या सप्लीटमेंट का सेवन हरगिज नहीं करना चाहिए.

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