World First Aid Day: आखिर क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड फर्स्ट एड डे, जानिए इसकी हिस्ट्री….
क्यों है फर्स्ट एड की जरूरत
अक्सर बच्चों को स्कूलों में प्राथमिक चिकित्सा के बारे में सिखाया जाता है, लेकिन समय के साथ लोग सेहत के लिए जरूरी इन बातों को भूल जाते हैं. मगर इसके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है, ताकि प्राथमिक चिकित्सा के जरिये एक्सीडेंट आदि की स्थिति में किसी घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सके. ऐसे में हर किसी को फर्स्ट एड करने के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है. आप भी जानिए फर्स्ट एड यानी प्राथमिक चिकित्सा के फायदे और जीवन में इसकी अहमियत.
क्या होती है फर्स्ट एड
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि फर्स्ट एड होता क्या है और आपको फर्स्ट एड के लिए किन चीजों की जरूरत पड़ सकती है, ताकि आप तत्काल प्राथमिक उपचार देकर दे सकें. फर्स्ट एड का मतलब है किसी मरीज घायल व्यक्ति को मेडिकल सहायता मिलने से पहले दी जाने वाली चिकित्सा. ओनली माइ हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए आपके फर्स्ट एड बॉक्स में कुछ चीजें होनी चाहिए. जैसे आपके पास डिटॉल होना चाहिए, ताकि घाव को साफ किया जा सके. कॉटन, बैंडेड और बैंडेज (पट्टी) भी आपके बॉक्स में जरूर रखी हो. साथ ही कैंची, मेडिकली प्रूव्ड क्रीम, हैंड सैनिटाइजर, दर्द निवारक दवाएं भी होनी चाहिए. एस्पिरिन की टैबलेट ताकि हार्ट अटैक या स्ट्रोक की स्थिति में मरीज के ब्लड को पतला किया जा सके और थर्मामीटर आदि भी जरूर होना चाहिए. इसके अलावा हॉस्पिटल का इमरजेंसी फोन नंबर भी आपके पास होना चाहिए.
कब दी जाती है फर्स्ट एड
अक्सर रोड एक्सीडेंट में किसी घायल व्यक्ति की इसलिए मौत हो जाती है कि उसे समय पर फर्स्ट एड नहीं मिलती. इसके लिए फर्स्ट एड के तहत घायल व्यक्ति के घाव को साफ करना और पट्टी बांधना, ताकि अस्पताल पहुंचाने तक घायल के शरीर से ज्यादा खून न बह पाए. वहीं दिल से जुड़ी दिक्कत होने या दर्द आदि अन्य कोई समस्या होने पर हॉस्पिटल पहुंचने से पहले जो प्राथमिक उपचार दिया जाता है, वही फर्स्ट एड कहलाता है.