आर्थिक परेशानियों से उबारने के लिये मोदी सरकार ने MSME सेक्टर के लिए 20 हजार करोड़ लोन के प्रस्ताव को किया पास

कोरोना महामारी के बीच आर्थिक परेशानियों से उबारने के लिये मोदी सरकार ने MSME सेक्टर के लिए 20 हजार करोड़ लोन के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है, तो वहीं किसानों के लिए 14 फसलों पर 50 से 83 फीसदी तक अधिक दाम देने का निर्णय लिया है. इस फैसले पर भाजपा, सरकार की पीठ थपथपा रही है तो वहीं कांग्रेस इसे झटका बता रही है.

कांग्रेस का कहना है कि किसान ने एक अज्ञात योद्धा के रूप में काम किया, किन्तु किसी ने उसके लिए कुछ नहीं किया. कांग्रेस का कहना है कि ये बढ़ोतरी ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर भी नहीं है. पंजाब कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मंगलवार को वीडियो प्रेस वार्ता में कहा है कि किसान ने कोरोना महामारी के दौरान भी बंपर फसल दी, मगर किसानों के लिए किसी ने कुछ नहीं किया. सुनील जाखड़ ने कहा है कि, ‘सरकार ने शायद किसान को आत्मनिर्भर मान लिया है, इसीलिए किसान की नज़रअंदाज़ी खी की जा रही है और उसे कुछ नहीं दिया गया है.’

सुनील जाखड़ ने कहा कि यह केवल नाममात्र की बढ़ोतरी है. उन्होंने सरकार से पूछा कि CACP का डॉक्यूमेंट कहां है, जिसके आधार पर एमएसपी का ऐलान किया गया है. जाखड़ ने कहा कि मजदूरों की कमी के चलते फसल की रोपाई के दाम ड़पन हो गए हैं, किंतु एमएसपी में इस तथ्य का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया है. आपको बता दें कि सोमवार को मोदी मंत्रिमंडल की बैठक में कई फैसले लिए गए. बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बताया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में बड़ी बढ़ोतरी की गई है. किसानों के लिए सरकार की ओर से यह बड़ी घोषणा है. मक्का के समर्थन मूल्य में 53 फीसदी की वृध्दि की गई है. तूअर और मूंग में 58 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. तोमर ने बताया कि 14 फसल ऐसी हैं, जिसमें किसानों को 50 से 83 फीसदी तक अधिक समर्थन मूल्य दिया जाएगा.

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