छठ पूजा: नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ चार दिवसीय छठ महोत्सव, महामारी की वजह से लिया गया ये फैसला

नहाय-खाय के साथ छठ पर्व शुरू हुआ। इस बार कोरोना के कारण सीमित आयोजन किया जा रहा है। सुबह के समय महिलाओं ने सूर्योदय के समय घरों में स्नान किया। जिसके बाद पूजा-अर्चना की और खाना खाया।

बता दें कि शहर में बाबा शीतलपुरी के घाट पर जन विकास सेवा समिति की ओर से महोत्सव आयोजित किया जाता है। इस पर समिति पांचवीं बार महोत्सव मना रही है। इसके लिए समिति की ओर से सभी तैयारियां भी पूरी कर ली हैं।  समिति की ओर से 20 नवंबर को डेरे के परिसर में ही माता छठ का जागरण भी करवाया जाएगा। इसके साथ ही विशाल भंडारा भी अायोजित किया जाएगा। शुक्रवार को सूर्यास्त के समय महिलाएं अर्घ्य देकर सरोवर में स्नान करेंगी। इसके बाद 21 नवंबर शनिवार को सूर्यादय के समय स्नान के बाद उनका व्रत संपन्न होगा।

यह है नहाय-खाय

जन विकास सेवा समिति के प्रधान बीएन शास्त्री ने बताया कि छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय किया जाता है। जो लोग इस दिन व्रत करते हैं वो स्नान करने के बाद सादा भोजन ग्रहण करते हैं। इसके बाद वो छठ माता का व्रत करते हैं। इस दिन व्रत से पहले नहाने के बाद सादा भोजन ग्रहण करना ही नहाय-खाय कहलाता है। मुख्यतौर पर इस दिन व्रत करने वाले लौकी की सब्जी और चने की दाल खाते हैं। छठ पर्व के पहले दिन जो खाना खाया जाता है उसमें सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। जो लोग छठ का व्रत करते हैं उनके घरवाले तभी भोजन करते हैं जब व्रतधारी भोजन ग्रहण कर लेते हैं। जो व्यक्ति व्रत करता है उसे व्रत पूरा होने तक जमीन पर ही सोना होता है।

 

 

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