रूस में 4 लाख सैनिकों को लगेगी कोरोना वैक्सीन, 2500 सैन्यकर्मियों को पहले ही मिल चुका है डोज
रूस कोविड-19 के खिलाफ 4 लाख से ज्यादा सैन्यकर्मियों को वैक्सीन लगाने जा रहा है. इस सिलसिले में एक अभियान शुरू किया गया है. रूस के रक्षा मंत्री सेरगई शुएगो ने शुक्रवार को बताया कि उसके तहत 4 लाख जवानों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी. संक्रमण में वृद्धि के बीच अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के 27 हजार 543 नए मामले दर्ज किए गए.
रूस लगाएगा 4 लाख सैन्य कर्मियों को कोविड-19 की वैक्सीन
सेरगई शुएगो ने कहा कि 2500 सैन्य कर्मियों को कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन पहले ही लगाई जा चुकी है और साल के अंत तक संख्या 80 हजार तक पहुंचने की उम्मीद है. रूस स्पुतनिक-V के अलावा कोविड-19 के खिलाफ कई वैक्सीन विकसित कर रहा है. भारतीय फार्मा कंपनी हेटेरो रूस की स्पुतनिक-V कोविड-19 वैक्सीन का सालाना 100 मिलियन डोज समझौते के तहत तैयार करेगी. साइबेरिया का वेक्टर इंस्टीट्यूट भी दूसरी कोविड-19 वैक्सीन विकसित कर रहा है. उसने वैक्सीन का नाम इपीवैककोरोना रखा है.
स्पुतनिक-V के बाद दूसरी कोविड-19 वैक्सीन तैयार कर रहा रूस
वेक्टर इंस्टीट्यूट ने कहा है कि इम्यूनिटी जिंदगी भर नहीं रहेगी और पहले दो डोज के बाद 6-10 महीनों में टीकाकरण की जरूरत होगी और फिर एक बार हर तीन साल पर. रूस ने अपनी स्पुतनिक-V के हवाले से दावा किया था कि शुरुआती डेटा में वैक्सीन 95 असरदार साबित हुई है. स्पुतनिक-V बनाने वालों का कहना है कि उनकी वैक्सीन को अन्य वैक्सीन के मुकाबले भंडारण करना आसान है और वैक्सीन के एक डोज की कीमत 10 डॉलर है. उन्होंने वैक्सीन तैयार करने की वैश्विक दौड़ में सबसे सस्ती होने का दावा किया. स्पुतनिक-V वैक्सीन दुनिया की रजिस्टर होनेवाली पहली वैक्सीन अगस्त में बन गई थी. उसका तीसरे चरण का मानव परीक्षण 40 हजार वॉलेंटियर पर जारी है.