EPF खाते से पैसे की निकासी की है तो इनकम टैक्स रिटर्न में इस बात का जिक्र है जरूरी; जानें वजह

अगर आपने वित्त वर्ष 2019-20 में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते से पैसे की निकासी की है तो इनकम टैक्स रिटर्न में इस बात की जानकारी देना आवश्यक होता है। टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ परिस्थितियों में आयकर में छूट होने के बावजूद पीएफ खाते से निकाले गए पैसे का जिक्र इनकम टैक्स रिटर्न में करना आवश्यक होता है। पैसा बाजार डॉट कॉम के चीफ एडिटर बलवंत जैन के मुताबिक कुछ मामलों में अगर आप अपने पीएफ खाते में जमा रकम में से आंशिक निकासी करते हैं तो उसमें टैक्स छूट का लाभ मिलता है लेकिन इसके बावजूद इनकम टैक्स रिटर्न में इस बात की जानकारी देनी चाहिए।

इस वजह से ऐसा करना होता है जरूरी

जैन ने बताया कि छूट वाली आय के बारे में जानकारी नहीं देने पर आयकर विभाग द्वारा करदाता की आय की गणना के समय आंकड़ों में अंतर आ सकता है। उन्होंने बताया कि आयकर के फॉर्म में छूट वाली आय के बारे में जानकारी देने का निर्दिष्ट स्थान होता है, जहां आपको इस बारे में जानकारी देनी चाहिए। हालांकि, EPF अकाउंट से निकासी करने पर अगर आप जानकारी नहीं देते हैं तो आप पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा क्योंकि अधिकतर मामलों में यह आय टैक्स के दायरे से बाहर होती है।

उल्लेखनीय है कि कुछ मामलों में पांच साल होने से पहले भी ईपीएफ खाते से रकम निकालने पर टैक्स में छूट मिलती है। बीमारी या ऐसी किसी वजह से अगर किसी व्यक्ति की नौकरी जाती है, जो उसके वश में नहीं है तो ईपीएफ खाते से निकासी पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है।

सरकार ने हाल में कोविड-19 की वजह से वित्तीय संकट का सामना कर रहे लोगों को प्रोविडेंट फंड खाते में जमा रकम में से आंशिक निकासी की अनुमति दी है। इस राहत के तहत कोई भी कर्मचारी अपने पीएफ खाते में जमा रकम में से 75 फीसद या तीन माह के मूल वेतन और महंगाई भत्ते में से जो भी कम हो, वह निकाल सकता है।

उदाहरण के लिए अगर आपके पीएफ खाते में दो लाख रुपये जमा हैं लेकिन आपके मूल वेतन और महंगाई भत्ते का जोड़ 30,000 रुपये प्रति माह बैठता है तो आप अधिकतम 90 हजार रुपये की निकासी कर सकते हैं।

पांच साल की नौकरी पूरी नहीं होने के बावजूद कोविड-राहत के रूप में की गई निकासी पर किसी तरह का टैक्स देय नहीं होता है।

हालांकि, इसके बावजूद एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनकम टैक्स रिटर्न में इस बात की जानकारी देना बेहतर होता है।

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