महाराष्ट्र सरकार ने कंगना के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड करने की मांग वाली याचिका का बॉम्बे HC में किया विरोध
एक्ट्रेस कंगना रनौत को हमेशा ही चर्चाओं में देखा जाता है। वह अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर हैं। फिलहाल उनके ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड करने की मांग वाली याचिका का बॉम्बे हाईकोर्ट में विरोध किया गया है। जी दरअसल यह याचिका एडवोकेट अली कासिफ खान देशमुख की तरफ से दायर करवाई गई थी। इसमें कहा गया था कि, ‘एक्ट्रेस और उनकी बहन रंगोली चंदेल ट्विटर के जरिए नफरत फैलाने, समुदायों और राज्य तंत्र के खिलाफ घृणा भड़काने का काम कर रही हैं। इस वजह से दोनों के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक कर देना चाहिए।’
ऐसे में बीते गुरुवार को जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएस कार्णिक की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार के वकील वाई पी याग्निक ने याचिका में की गई मांगो को अस्पष्ट बताया है। इसके अलावा उन्होंने इसे खारिज करने की मांग भी की है। जी दरअसल अदालत में सुनवाई के दौरान जजों ने पूछा कि ‘क्या यह याचिका जनहित याचिका (PIL) है।’
इस दौरान देशमुख द्वारा इनकार किया गया तो जज ने कहा, ‘फिर हम किसी तीसरे पक्ष द्वारा किए गए दावों के आधार पर आपराधिक मामले में कैसे कार्रवाई कर सकते हैं, जो किसी भी तरह से व्यक्तिगत रूप से प्रभावित नहीं है? अगर यह जनहित याचिका नहीं है, तो आपको व्यक्तिगत क्षति दिखानी होगी कि यह आपको कैसे प्रभावित कर रहा है।’ यह सुनकर सरकारी वकील याग्निक ने दलील दी कि, ‘याचिका में यह नहीं बताया गया है कि याचिकाकर्ता द्वारा संदर्भित ट्वीट ने जनता को कैसे प्रभावित किया।’ वहीं आगे उन्होंने कहा, ‘यह एक बहुत ही अस्पष्ट याचिका है। ट्विटर एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है। कोई भी इस तरह अस्पष्ट मांगें नहीं कर सकता है।’ इसके अलावा याग्निक ने यह भी कहा कि, ‘यह दलील सही नहीं है और इसका निपटारा किया जाना चाहिए।’
इस सुनवाई के दौरान एडवोकेट देशमुख ने कहा कि, ‘उन्होंने पिछले दिनों पुलिस और महाराष्ट्र के अधिकारियों को पत्र लिखकर रनौत और उनकी बहन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। कंगना के खिलाफ कई FIR लंबित हैं। पहले भी उन्होंने अपने फायदे के लिए एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत का दुरुपयोग किया है और वह अब किसानों के विरोध के साथ भी ऐसा कर रही हैं।’