चमक उठा सोना 2021 में बनेगा 60 हजारी और चांदी….
कोरोना की मार से बेहाल दुनियाभर के शेयर बाजारों से डरे निवेशकों ने सोने-चांदी की तरफ रुख किया तो दोनों धातुओं की चमक खूब बढ़ी। पिछले 10 वर्षों में इस बार गोल्ड ने 27.7 फीसद रिटर्न दिया। इससे पहले साल 2011 में सोना निवेशकों को मालामाल करते हुए करीब 31 फीसद का रिटर्न दिया था। वहीं अंतराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 23 फीसद से ज्यदा उछला। इस दौरान चांदी के निवेशकों ने खूब चांदी काटी। सर्राफा बाजार में चांदी 76000 रुपये प्रति किलो से भी अधिक बिकी।इन सबके बावजूद सोना अपने ऑल टाइम हाई रेट 56254 रुपये प्रति 10 ग्राम से अब तक 6259 रुपये सस्ता हो चुका है। वहीं अगर चांदी की बात करें तो इस साल अब तक यह 9577 रुपये प्रति किलो तक सस्ती हो चुकी है।
देशभर के सर्राफा बाजारों में सात अगस्त 2020 को गोल्ड का हाजिर भाव 56254 पर खुला। यह ऑल टाइम हाई था। इसके बाद शाम को यह थोड़ी गिरावट के बाद 56126 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ। जहां तक चांदी की बात करें तो इस दिन यह 76008 रुपये प्रति किलो के रेट से खुली थी और 75013 रुपये पर बंद हुई थी। बता दें चांदी का भाव एमसीएक्स पर 25 अप्रैल 2011 को रिकॉर्ड 73,600 रुपये प्रति किलो तक उछला था, जबकि हाजिर बाजार में चांदी का भाव 2011 में 77,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था। सोने का भाव 16 मार्च 2020 को 38,400 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया की मानें तो आने वाले नए साल 2021 में भी सोने-चांदी में रैली देखने को मिलेगी। केडिया के मुताबिक 2020 की तरह साल 2021 में भी गोल्ड और सिल्वर के भाव में तेजी देखने को मिलेगी, क्योंकि अर्थव्यवस्था में गिरावट इन्हें सपोर्ट कर रही है। केडिया बड़े विश्वास के साथ कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं कि 2021 में कोविड-19 का वैक्सीन सोने-चांदी के रेट में उतार-चढ़ाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इसके बावजूद कम ब्याज दर, इक्विटी मार्केट की तेजी और ईटीएफ में खरीदारी सोने-चांदी की चमक बढ़ाएंगे। इन्वेस्ट के लिहाज से निवेशकों के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है। इससे सोने-चांदी की कीमतों में उछाल देखने को मिलेगा।सितंबर 2018 से सोने में रैली बनी हुई है और 2021 में भी रैली देखने को मिल सकती है। केडिया कहते हैं कि 2021 में सोना 60000 रुपये प्रति ग्राम और चांदी 85000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सविर्सिज के जिंस शोध के उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा कि आने वाले समय में इनमें उतार- चढ़ाव जारी रह सकता है। वहीं केडिया कहते हैं कि 2007 में सोना 9 हजार रुपए प्रति दस ग्राम के आस-पास था, जो 2016 में 31 हजार रुपए प्रति दस ग्राम तक पहुंच गया था। यानी नौ साल में तीन गुना से ज्यादा बढ़ोतरी। जब-जब ब्याज दरें घटती हैं, तब सोने में निवेश बढ़ता है।डॉलर में तेजी आएगी तो लॉन्ग टर्म में सोने के दाम और तेजी से बढ़ेंगे। यानी अगले साल तक सोना 60 से 70 हजार रुपए प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकता है।