नैफेड जम्मू-कश्मीर में अगले पांच सालों में बागवानी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 17 सौ करोड़ रुपये का निवेश करेगा

नए साल के शुभारंभ पर जम्मू-कश्मीर में बागवानी क्षेत्र के लिए बड़ी अच्छी खबर है। देश में कृषि उत्पाद के लिए सहकारिता मार्केटिंग के प्रमुख संगठन नेशनल एग्रीकल्चर कोआपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नैफेड) जम्मू-कश्मीर में अगले पांच सालों में सेब, अखरोट, चेरी और अन्य बागवानी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 17 सौ करोड़ रुपये निवेश करेगा।

5500 हेक्टेयर भूमि पर उच्च धनत्व पौधारोपण किया जाएगा। नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर सरकार और नैफेड के मध्य ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मौजूदगी में कृषि और बागवानी विभाग के प्रधान सचिव नवीन कुमार चौधरी और नैफेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चढ्डा ने समझौता सहमति पर हस्ताक्षर किए।

इस अहम समझौते से जम्मू-कश्मीर में सेब, अखरोट, चेरी, फूलों आदि के पौधे उच्च धनत्व पर लगाए जाएंगे और इससे किसानों की आमदनी में तीन से चार गुना की बढ़ोतरी होगी। नैफेड अगले तीन महीनों में प्रदेश के प्रत्येक जिले में बीस किसान उत्पादक संगठनों को भी स्थापित करेगा। 500 करोड़ की राशि से कठुआ, उत्तरी कश्मीर और दक्षिण कश्मीर में तीन कोल्ड स्टोरेज कलस्टरों को भी स्थापित किया जाएगा।

सभी प्रीमियम बागवानी उत्पादों को जीआई टैग किया जाएगा। सेब, अखरोट, चेरी, ओलिव और लीची आदि बागवानी उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग भी की जाएगी। समझौता हस्ताक्षर के बाद एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर चार मुद्दों पर प्राथमिकता के आधार पर काम कर रहा है।

इसमें तकनीक से उत्पादन बढ़ाना, श्रेष्ठ मूल्य को सुनिश्चित करना और मार्केट सपोर्ट, जोखिम को कम करना व संबंधित गतिविधियों के माध्यम से विविधिता लाना शामिल है। उन्होंने कहा कि जम्मू संभाग में बागवानी उत्पादन को बढ़ाना देने पर विशेष जोर रहेगा। नैफेड किश्तवाड़ और भद्रवाह में सेब के उच्च धनत्व पौधरोपण की संभावनाओं को भी तलाशेगा।

नैफेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने कहा कि संगठन चरणबद्ध तरीके से काम करेगा और जम्मू संभाग में एरोमेटिक पौधों को लोकप्रिय बनाने पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगा। हाइब्रिड सब्जियों के बीज और हाई वैल्यू एग्जाटिक सब्जियों के बीज पर भी जोर दिया जाएगा।

कृषि और बागवानी विभाग के प्रधान सचिव नवीन कुमार चौधरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बागवानी क्षेत्र को वैश्विक बाजार उपलब्ध करवाने के लिए सभी आधारभूत जरूरी ढांचा जल्द उपलब्ध करवा दिया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम, वित्त आयुक्त अरुण कुमार मेहता, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव नितेश्वर कुमार भी मौजूद रहे।

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