जानें Google के I’m Feeling Lucky फीचर के पीछे की पूरी कहानी…
अगर आपने गूगल सर्च यूज किया है तो हमें पूरी उम्मीद है आपने I am feeling lucky नोटिस किया होगा. ये गूगल सर्च के होम पेज पर दिया जाता है. गूगल सर्च बॉक्स के नीचे दो ऑप्शन मिलते हैं. पहला Google Search और दूसरा I’m feeling Lucky.
क्या है I’m Feeling Lucky की पूरी कहानी, कब इसकी शुरुआत हुई और इसका यूज क्या है. क्या इससे गूगल को नुकसान होता है? ये सब हम आपको बताएंगे. आपमे से कई इस स्टोरी से पहले ही वाकिफ होंगे, लेकिन जो नहीं हैं उन्हें ये जानना चाहिए.
I’m Feeling lucky का ऑप्शन चुनने पर आपको एक बड़ा फायदा होता है. जैसे ही आप सर्च बॉक्स में कोई भी क्वेरी या कीवर्ड टाइप करके I’m feeling lucky को सेलेक्ट करेंगे तो गूगल डायरेक्ट आपको उस क्वेरी ये कीवर्ड से जुड़ा पहला सर्च रिजल्ट के पेज पर लेकर जाएगा. यानी आपको किसी तरह का विज्ञापन या दूसरे सर्च रिजल्ट्स दिखेंगे ही नहीं.
उदाहरण के तौर पर अगर आप गूगल सर्च बॉक्स में aajtak लिख कर I’m feeling lucky पर क्लिक करेंगे तो आप सीधे हमारी वेबसाइट पर आ जाएंगे. लेकिन अगर आप सिर्फ Google Search पर क्लिक करते हैं तो आपको लाखों सर्च रिजल्ट्स मिलेंगे. इनमें हमारी वेबसाइट की खबरों से लेकर यूट्यूब हैंडल भी दिखेगा.
110 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान?
2007 में गूगल के को-फाउंडर Sergey Brin ने एक इंटरव्यू में कहा था कि गूगल सर्च का 1% ट्रैफिक I’m feeling lucky बटन को जाता है और दूसरे सर्च रिजल्ट्स और विज्ञापनों को बाइपास कर देता है.
इससे ये अंदाजा लगाया गया कि इस बटन की वजह से गूगल के सालाना रेवेन्यू में 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर (8.03 अरब रुपये) का नुकसान हो रहा है. क्योंकि किसी भी सर्च क्वेरी के बाद I’m feeling lucky पर क्लिक करने से डायरेक्ट पहले रिजल्ट पर पहुंचते हैं और ऐसे में कोई विज्ञापन नहीं दिखता. आप सब को पता होगा कि गूगल का बड़ा सोर्स ऑफ इनकम विज्ञापन ही है.
2007 में गूगल सर्च की हेड मरीसा मेयर थीं, जो बाद मे याहू की सीईओ भी बनीं. उनसे जब I’m Feeling lucky बटन की वजह से हो रहे नुकसान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दिलचस्प जवाब दिया. मरीसा मेयर ने कहा, ‘ज्यादा पैसे कमाने को लेकर ज्यादा ड्राई और ज्यादा कॉर्पोरेट होना मुमकिन है. मुझे लगता है I’m Feeling Lucky को लेकर सबसे खुशी का बात ये है कि ये फीचर ये याद दिलाता है कि आप सब असली लोग हैं’
I’m feeling lucky गूगल काफी पुराना फीचर है और इसे 2010 में हटाया भी गया था. बटन था, लेकिन ये फीचर हटाया गया था, क्योंकि तब गूगल इंस्टैंट पेश किया गया था. तब से अब तक I’m feeling lucky का वो महत्व नहीं रहा जो पहले था, क्योंकि अब Google होम पेज से पहले गूगल इंस्टैंट काम कर जाता है और आपको I’m feeling lucky कई बार नोटिस ही नहीं हो पाता है.
लेकिन इसके बाद फिर से ये फंक्शन शुरू कर दिया गया. लेकिन सवाल ये है कि गूगल ने किस सेंस से ये I’m feeling lucky लिखा है. यानी कुछ तो ऐसा रहा होगा जिसकी वजह से सर्च इंजन में I’m feeling lucky ये ऑप्शन ऐड किया गया?
हॉलीवुड के लेजेंड्री एक्टर और डायरेक्ट क्लिंट इस्टवूड की एक फिल्म है. इसका नाम Dirty Harry है. ये फिल्म 1971 में बनाई गई थी. इस फिल्म एक सीन है जहां क्लिंट इस्टवूड एक शख्स पर गोली चलाने वाले होते हैं और उससे पहले पूछते हैं Do you feel lucky Punk? Well, Do you?. क्या गूगल का ये फीचर यहां से लिया गया है? गूगल की तरफ से इस बारे में कभी कुछ नहीं कहा गया कि ये लाइन कहां से आई.
माना ये जाता है कि गूगल सर्च इंजन की जब शुरुआत हुई थी तब कंपनी के दोनों फाउंडर्स – Larry Page और Sergey Brin इसे दूसरे सर्च इंजन से अलग दिखना चाहते थे. तब दूसरे सर्च इंजन का दबदबा था और वहां खूब विज्ञापन भी दिखते थे.
सिर्फ एक क्लिक करके यूजर्स को डायरेक्च रेलेवेंट रिजल्ट दिलाने के मकसद से कंपनी I’m feeling lucky की शुरुआत की थी.