सिडनी टेस्ट : क्लेयर पोलोसाक टेस्ट क्रिकेट में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला बनी
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में आज से शुरू हुआ तीसरा टेस्ट मैच कई मायनों में खास है। मैच में मैदान से लेकर खिलाड़ियों, स्टंप्स से लेकर दर्शक स्टैंड तक सबकुछ पिंक-पिंक नजर आ रहा है। मैच के दौरान लोग ब्रेस्ट कैंसर जागरुकता अभियान में अपना समर्थन जताने के लिए पिंक रंग के कपड़े पहनते हैं। साथ ही 1-1 से बराबरी पर खड़ी टेस्ट सीरीज किस दिशा में मुड़ेगी, इसका फैसला सिडनी टेस्ट से हो जाएगा। इन सबके इतर यह मुकाबला क्लेयर पोलोसक के लिए भी याद रखा जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया की क्लेयर पोलोसाक पुरुषों के टेस्ट क्रिकेट में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई। न्यू साउथ वेल्स में रहने वाली 32 वर्षीय यह महिला चौथे अंपायर की भूमिका अदा कर रही है। टॉस के दौरान वह दोनों कप्तानों और मैच रेफरी के साथ दिखाई दी थी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें बधाई भी दी।
पोलोसक इससे पहले पुरुष एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला अंपायर बनने की उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं, उन्होंने 2019 में नामीबिया और ओमान के बीच विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन दो के मैच में अंपायरिंग की थी।
मैच में दो पूर्व तेज गेंदबाज पॉल रिफेल और पॉल विल्सन मैदानी अंपायर की भूमिका निभा रहे हैं जबकि ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड तीसरे (टेलीविजन) अंपायर हैं। पूर्व कंगारू पेसर डेविड बून मैच रेफरी हैं। टेस्ट मैचों के लिए आईसीसी के नियमों के अनुसार, चौथे अंपायर को घरेलू क्रिकेट बोर्ड द्वारा अपने आईसीसी अंपायरों के अंतरराष्ट्रीय पैनल में से नियुक्त किया जाता है।
चौथे अंपायर का काम मैदान में नई गेंद लाना, अंपायरों के लिए ड्रिंक ले जाना, लंच और चाय के दौरान पिच की देखभाल और लाईटमीटर से रोशनी की जांच करना होता है। किसी परिस्थिति में मैदानी अंपायर के हटने के बाद तीसरे अंपायर को मैदान में सेवाएं देनी होती हैं जबकि चौथे अंपायर को टेलीविजन अंपायर की भूमिका निभानी होती है।