कुंडली बॉर्डर पर दस हजार किसान पहुचे, दस दिन में 1 लाख किसानों के दिल्ली की सीमा पर पहुंचने का दावा

कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड निकालने का एलान किया है। यह परेड भले ही 26 जनवरी को निकाली जाएगी और किसानों से 23 जनवरी तक पहुंचने का आह्वान किया गया हो, लेकिन किसानों ने पहले ही दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचना शुरू कर दिया है।

पंजाब व हरियाणा से लगातार ट्रैक्टर-ट्राली व अन्य वाहनों में किसान पहुंचने लगे हैं और दो दिन में करीब दस हजार किसान पंजाब व हरियाणा से पहुंच चुके हैं जिसको देखते हुए किसान नेताओं ने अकेले पंजाब व हरियाणा से अगले दस दिन में एक लाख किसानों के दिल्ली की सीमा पर पहुंचने का दावा किया है। हालांकि किसान नेताओं का कहना है कि वह देशभर के किसानों को बुलाने में जुटे हैं, लेकिन हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान नजदीक होने के कारण इनपर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान करीब 50 दिन से आंदोलन कर रहे है और वह दिल्ली की सीमाओं पर ठंड के बावजूद सड़क पर डेरा डालकर बैठे हुए हैं। इस बीच सरकार से किसानों की लगातार बातचीत हो रही है, लेकिन उसके बावजूद कोई हल नहीं निकल सका है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार व किसानों के बीच चल रहा गतिरोध कुछ कम होगा।

यह उम्मीद भी मंगलवार को खत्म हो गई, जब किसानों ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी आंदोलन जारी रखने का एलान कर दिया। जिसके साथ ही गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान परेड में शामिल होने के लिए किसानों ने हुंकार भरनी शुरू कर दी है।

पंजाब व हरियाणा के किसान ट्रैक्टर-ट्राली समेत अन्य वाहनों में दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। अकेले कुंडली बॉर्डर पर दो दिन में करीब दस हजार किसान पहुंच गए हैं, जबकि पंजाब व हरियाणा से किसान के जत्थे आने का सिलसिला लगातार जारी है। इसके साथ ही किसानों ने हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड में जागरूकता अभियान चलाया हुआ है। जिससे इन सभी राज्यों से ज्यादा से ज्यादा किसानों को गणतंत्र दिवस परेड से पहले दिल्ली की सीमाओं पर बुलाया जा सके।

किसानों के ट्रैक्टर-ट्राली व अन्य वाहनों पर जहां अभी तक केवल उनके संगठनों के झंडे रहते थे। वहीं अब उनके अंदर देशभक्ति का जज्बा भी पूरा देखने को मिल रहा है। अब दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने वाले किसानों के ट्रैक्टर-ट्राली व अन्य वाहनों पर तिरंगे झंडे ज्यादा लगाए जा रहे है तो किसान संगठनों के झंडे कम हो गए हैं। गणतंत्र दिवस पर किसान परेड निकालने के समय उनको तिरंगा अन्य जगह से नहीं लाना पड़े, इसलिए पहले ही उसे अपने वाहनों पर लगाकर यहां पहुंचने की बात कही जा रही है।

किसानों का आंदोलन उस समय तक जारी रहेगा, जबतक कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर दिया जाता है। किसानों का ट्रैक्टर मार्च के बाद गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान परेड निकालना ही बड़ा कार्यक्रम है और उसके लिए देशभर से किसान यहां पहुंचेंगे। हालांकि किसानों को 23 जनवरी तक पहुंचने के लिए कहा गया था, लेकिन उसके बावजूद किसानों ने अभी से दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचना शुरू कर दिया है। अभी पंजाब व हरियाणा के किसान ज्यादा पहुंच रहे है और यूपी, राजस्थान व अन्य राज्यों से किसान भी धीरे-धीरे आ रहे हैं। गणतंत्र दिवस से पहले यहां एक लाख से ज्यादा किसान पहुंच जाएंगे।

कृषि कानून रद्द कराने के लिए किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और इसके लिए जिस तरह की रणनीति बनाई जा रही है, उसके तहत आंदोलन को बढ़ाया जा रहा है। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान परेड निकालने के लिए किसान सीमाओं पर पहुंचने शुरू हो गए है। सभी राज्यों से ट्रैक्टर-ट्राली में किसान आने शुरू हो गए है और इस तरह लग रहा है कि गणतंत्र दिवस से पहले एक लाख से ज्यादा किसान यहां पहुंच जाएंगे। किसान अपना हक लेकर रहेगा और वह पीछे हटने वाला नहीं है।
-बलबीर सिंह राजेवाल, सदस्य संयुक्त किसान मोर्चा

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