अफगानिस्तान के हालात देख भड़के शबाना-जावेद, ट्वीट कर कही यह बात

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के हटने के बाद तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया है। अब वहां के हालात कुछ अच्छे नहीं है। इस समय वहां के लोग देश छोड़कर जाना चाहते हैं। बीते कल से काबुल एयरपोर्ट पर भारी संख्या में लोग नजर आ रहे हैं। इस बीच हर कोई यहाँ की कड़ी निंदा कर रहा है। इस लिस्ट में अब शबाना आजमी, जावेद अख्तर भी शामिल हुए हैं। इन दोनों ने भी इस मुद्दे पर रिएक्ट किया है। हाल ही में जावेद अख्तर ने अमेरिका पर निशाना साधा है।

वहीँ शबाना आजमी ने एक ट्वीट कर लिखा है- ”इतिहास ने हमें सिखाया है कि धर्मान्ध लोग पहले धर्म के नाम पर कल्चर पर अटैक करते हैं। याद है कि कैसे तालिबान ने 6th शताब्दी में Bamiyan statues (बामियान बुद्ध) को ध्वस्त किया था। यह क्रूरता की ओर इशारा करता है।” वहीँ दूसरी तरफ जावेद अख्तर ने ट्वीट किया है और लिखा है- ”अमेरिका किस तरह की सुपरपावर है कि वो क्रूर तालिबान को खदेड़ नहीं पाया। ये कैसी दुनिया है, जो बिना दया के अफगानी महिलाओं को तालिबानियों के पास छोड़ दिया। उन पश्चिमी देशों को शर्म आनी चाहिए जो खुद को मानवीय अधिकारों का रक्षक होने का दावा करते हैं।”

इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में जावेद अख्तर ने लिखा है- ”अमेरिका किस तरह की सुपरपावर है कि वो क्रूर तालिबान को खदेड़ नहीं पाया। ये कैसी दुनिया है, जो बिना दया के अफगानी महिलाओं को तालिबानियों के पास छोड़ दिया। उन पश्चिमी देशों को शर्म आनी चाहिए जो खुद को मानवीय अधिकारों का रक्षक होने का दावा करते हैं।” वहीँ एक यूजर के ट्वीट का जवाब देते हुए जावेद अख्तर ने लिखा है- ”क्या आप ये सजेस्ट कर रहे हैं कि कुछ दूसरी जगहों पर भी महिलाओं के साथ अन्याय और क्रूरता होती है, इसलिए तालिबानों का विरोध और निंदा नहीं की जानी चाहिए। ये कैसा लॉजिक है?”

इन दोनों के अलावा फरहान अख्तर ने भी एक ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है- ”दुनिया की ताकतों को अभी इस बारे में बात करने की जरूरत है कि कैसे निर्दोष अफगानिस्तानियों की मदद की जाए। आने वाले दिनों और समय में नहीं, अभी।”

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