छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350वें वर्ष के प्रारंभ के अवसर पर महानाट्य ‘जाणता राजा’ पर हुआ व्याख्यानमाला का आयोजन
लखनऊ। सन् 1674 ईस्वी में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था और उन्होंने ‘हिंद स्वराज’ की नींव रखी थी। वर्ष 2023 में उनके राज्याभिषेक का 350वां वर्ष प्रारंभ हो रहा है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिवाजी पर लिखे गए विश्व के सबसे बड़े महानाट्य ‘जाणता राजा’ का मंचन 26 से 31अक्टूबर 2023 को जनेश्वर मिश्र पार्क में किया जायेगा।
आज राजधानी के इंदिरा प्रतिष्ठान में इसी महानाट्य के संदर्भ में एक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन ‘दिव्य प्रेम सेवा मिशन’ के तत्वावधान में किया गया। इस व्याख्यानमाला का शीर्षक ‘शंखनाद’ था और इसका विषय ‘छत्रपति शिवाजी महाराज का व्यक्तित्व एवं कृतित्व वर्तमान परिस्थिति में’ था।
इस व्याख्यान में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ थे। उन्होंने शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, “हमें उनसे आज भी प्रेरणा लेने की आवश्यकता है ताकि हम मित्र और शत्रु में भेद कर सकें। जो व्यक्ति देश या समाज का शत्रु है वह हमारा मित्र नहीं हो सकता।”
मुख्य वक्ता के रुप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने कहा कि, “शिवाजी महाराज का शौर्य और पराक्रम इस अर्थ में अन्य विजेताओं से भिन्न है कि उन्होंने यह शौर्य और पराक्रम देश व समाज की रक्षा के लिए प्रदर्शित किया ना कि अत्याचार, विद्वेष या साम्राज्यवाद के लिए।”
इसके अतिरिक्त ‘दिव्य प्रेम सेवा मिशन’ के संस्थापक श्री आशीष गौतम ने इस संस्था की स्थापना, इसके कार्यों एवं उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।