भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे शुक्रवार को आरईआईटी और इनविट के राष्ट्रीय सम्मेलन पर बोलते हुए कहा कि नियामक रियल एस्टेट निवेश ट्रस्टों (रिट्स) को बाजार सूचकांकों में शामिल करने पर विचार कर रहा है। इस कदम का उद्देश्य इस क्षेत्र में तरलता, दृश्यता और संस्थागत भागीदारी में सुधार लाना है। इस कदम के साथ ही रिट्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट्स दोनों तक म्यूचुअल फंड की पहुंच बढ़ाने के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं।
पांडे ने कहा कि यह उपकरण भारत के अवसंरचना वित्तपोषण के अगले चरण का एक महत्वपू्र्ण हिस्सा हैं और अगर तरलता और निवेशक दोनों की ही भागीदारी सार्थक रूप से अच्छी होती है तो यह घरेलू और वैश्विक दोनों पूंजी को आकर्षित कर सकते हैं। पांडे ने कहा आरईआईटी को इक्विटी के रूप में माना जाएगा और इनविट्स को हाइब्रिड उपकरणों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नियामक रिट्स और इनविट्स दोनों में ही एक्सपोजर की अनुमति देने के लिए लिक्विड म्यूचुअल फंड्स के पूल का विस्तार करेगा। इसके लागू होने के बाद रिट्स के लिए सूचकांक समावेशन स्वाभविक रूप से अधिक संस्थागत निवेश को आकर्षिक करेगा और द्वितीयक बाजार की गतिविधियों को भी मजबूत करेगा।
सेबी प्रमुख ने बताया कि नियमित वितरण और विनियमित संरचनाओं की पेशकश करने वाले उत्पादों के बाद भी रिट्स और इनविट्स में रिटेल भागीदारी कम है। उन्होंने कहा कि निवेशक आधार का विस्तार करने और नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और संचार में सुधार करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। विशेषकर सेबी के हाल में निवेशक सर्वेक्षण के बाद पता चला है कि व्यक्ति अपनी समझ में आने वाली भाषाओं में वित्तिय जानकारी लेना पसंद करते हैं
क्या हैं रिट्स और इनविट्स?
रिट्स और इनविट्स बाजार में सूचीबद्ध साधन हैं जो निवेशकों के पैसो को एकत्र कर आय देने वाली अचल संपत्ति में या परिसंपत्तियों का स्वामित्व और संचालन करते हैं। रिट्स में मुख्य रूप से कार्यालय पार्क और व्यावसायिक संपत्तियां होती हैं, जबकि इनविट्स में राजमार्ग, ट्रांसमिशन लाइन या नई परियोजनाओं जैसी परिसंपत्तियां होती हैं। उनका कैश फ्लो (नकदी प्रवाह) समर्थित सरंचनाएं निवेशकों को स्थिर प्रतिफल देती है और वहीं परिसंपत्ति मालिकों को मुद्रीकरण का विकल्प देती हैं।



