MP: वोटों की गिनती में लग सकता है ज्यादा वक्त, ये है वजह
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना की तैयारी पूरी कर ली गई है. 11 दिसम्बर को विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना होगी जिसमें कई नेताओं की किस्मत दांव पर लगी है. मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी. एल. कांताराव के मुताबिक पूरे मध्यप्रदेश में मतगणना के लिए लगभग 15 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. इस बार एमपी का परिणाम देरी से आने की संभावना जताई जा रही है.
कांताराव के मुताबिक मध्यप्रदेश के सभी मतगणना केंद्रों में 11 दिसम्बर को सुबह 8 बजे एक साथ मतों की गिनती शुरू हो जाएगी. सबसे पहले पोस्टल बैलेट यानी डाक मतपत्रों और सर्विस वोटों को गिना जाएगा. माना जा रहा है कि इसमें 30 मिनट का वक्त लगेगा. इसके बाद यानी की सुबह 8.30 से 9 बजे के बीच EVM खोली जाएंगी. इसके बाद ईवीएम के वोटों की मतगणना शुरू होगी. सीईओ वी. एल.कांताराव के मुताबिक मतगणना वाले दिन हर विधानसभा के लिए कुल 14 टेबल लगाई जाएंगी. माना जा रहा है कि औसत 19 राउंड तक मतों की गिनती जाएगी.
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना में इस बार पहले की तुलना में ज्यादा वक्त लग सकता है और इसकी वजह है चुनाव आयोग का वह आदेश जिसमें साफ कहा गया है कि हर राउंड के बाद रिटर्निंग ऑफिसर जब तक उस राउंड का सर्टिफिकेट जारी नहीं करेंगे तब तक अगला राउंड शुरू नहीं हो सकेगा.
मतगणना के दिन चुनाव आयोग उसकी लाइव वेबकास्टिंग करेगा. इससे रियल टाइम डेटा मिलेगा. चुनाव आयोग के अधिकारी काउंटिंग सेंटरों पर लगे बड़ी स्क्रीन के जरिए मतों की गिनती और हर राउंड के बाद आने वाले रुझानों पर नजर रखेंगे.
इधर कांग्रेस ने EVM में गड़बड़ी की आशंका के बाद मतगणना केंद्रों में निजी मोबाइल कंपनी के नेटवर्क के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है. मध्यप्रदेश कांग्रेस नेताओं ने रविवार को भोपाल में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात की और काउंटिंग सेंटरों में निजी नेटवर्क की जगह बीएसएनएल नेटवर्क के जरिए बेवकास्टिंग कराने की मांग रखी है.
कांग्रेस का आरोप है कि मतगणना स्थलों पर बेवकास्टिंग और सीसीटीवी कैमरे के जरिए निगरानी का काम किया जाना है उसमें एक निजी कंपनी की मशीनें प्रयोग में लाई जा रही है. कांग्रेस ने निजी कम्पनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी के ज़रिए मतगणना वाले दिन EVM तक को हैक किया जा सकता है. कांग्रेस के मुताबिक मतगणना स्थल पर बेवकास्टिंग/ सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए निजी कम्पनी द्वारा डोमेन तक रजिस्टर करवा लिया गया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मतगणना स्थल पर बेवकास्टिंग/ सीसीटीवी कैमरे के नाम पर एक निजी कम्पनी के इंजीनियर स्ट्रांग रूम के पास काम करते पाए गए हैं जो कि संदेह पैदा करता है.
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इस काम ने लगे किसी भी शख्स को लैपटॉप या कोई दूसरा इलेक्ट्रॉनिक डिवाईस लेकर मतगणना स्थल में प्रवेश करने नहीं दिया जाए.