इतिहास में पहली बार AMU में लड़कियां खेलती नजर आएंगी यह खेल
1920 में रखी गई एएमयू(AMU) की नींव के पूरे 100 वर्ष बाद इस शौक्षिक संस्थान में बेटिया खेलेंगी हॉकी खेल। यूं तो लड़किया एएमयू में सभी प्रकार के खेलों में प्रतिनिधित्व करती हैं। मगर यहां पर हॉकी के गेम में लड़कियां नहीं थीं। सिर्फ लड़के ही हॉकी खेला करते थे। मगर अब एएमयू के स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को हॉकी खिलाने के यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी के इस निर्णय से लड़कियां बहुत खुश नजर आ रही हैं। बेटियां यहां से सीखकर देश के लिए गोल्डमेडल लाना चाहती हैं।
यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी द्वारा लिए गए लड़कियों को हॉकी सिखाने के निर्णय पर हॉकी क्लब के अध्यक्ष सरवर हाशमी ने कहा कि अभी तक एएमयू में लड़कियों की हॉकी टीम नहीं थी। इंतजामिया ने इसी वर्ष बेटियों के हॉकी में प्रतिनिधित्व का निर्णय लिया है सभी यूनिवर्सिटी के स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राएं हॉकी मैदान में हॉकी सीखने आ रही हैं। हम चाहते हैं आगे चल यूनिवर्सिटी की वीमेंस हॉकी टीम भी बनाई जाए। जैसे बास्केटबॉल,क्रिकेट सहित अन्य गेम्स में हैं। अभी लड़कियां शाम में ग्राउंड पर आकर अच्छा सीख रही है।
अब एएमयू की छात्राए देश भर में चमकाएंगी नाम
-अभी तक एएमयू में लड़कियों की हॉकी टीम नहीं थी। लेकिन अब बन गयी है जल्द ही यहां से भी देश का नाम ऊंचा करने वाली लड़कियां हॉकी खेलकर निकलेंगी।
हम चाहते है कि बेटिया देश के लिए गोल्ड मेडल जीते
पहली बार हॉकी एएमयू के हॉकी ग्राउंड पर हॉकी सीखने व सीखने आ रही लड़कियों ने इस यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी के इस निर्णय ओर खुशी जताते हुए कहा कि ये बहुत अच्छा डिसिशन हैं। हम चाहते हैं कि हॉकी में अच्छा खेलकर देश का नाम ऊंचा करें व देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लाएं।