BSNL और MTNL को पटरी पर लाने के लिए सरकार को मिली ये सलाह

संसद की एक समिति ने बीएसएनएल और एमटीएनएल सहित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को पटरी पर लाने के उपाय सुझाने के लिए सरकार से एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने की सलाह दी. संसद की लोक उपक्रम समिति ने कहा है कि विशेषज्ञों के समूह को कम-से-कम कंपनियों की स्थिति में सुधार तक सार्वजनिक उपक्रमों की सेवाओं को प्राथमिकता देने के लिए कदम उठाये जाने के बारे में सिफारिश करनी चाहिए.

बीजेपी सांसद शांता कुमार की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि उसकी राय है कि खराब स्थिति और घाटे में चल रहे केंद्रीय लोक उपक्रमों को बेहतर स्थिति में लाने के लिए विशेषज्ञों के समूह से राय लेनी चाहिए, उसने खासकर ऐसी कंपनियों के लिए यह बात कही है जो प्रौद्योगिकी के जटिल क्षेत्रों में काम करती हैं. इसमें प्रौद्योगिकी को उन्नत करने के लिए भी सुझाव देने की बात कही गई है.

वहीं समिति ने उम्मीद जताई कि सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाएगी. इसके साथ ही समिति ने सरकार से सवाल किया कि कंपनी के निविवेश से ऋणों और देनदारियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

समिति की रिपोर्ट में कहा गया, ‘समिति को इस बात की जानकारी है कि एयर इंडिया में सरकार की 76 प्रतिशत भागीदारी छोड़ने का निर्णय लिया गया है और इस संबंध में प्रक्रिया जारी है. कंपनी के विनिवेश की स्थिति को नोट करते हुए समिति आशा करती है कि इस प्रक्रिया को जल्दी पूरा कर लिया जाएगा.’

समिति ने सरकार को आगाह किया है कि घाटे में चल रहे सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों एमटीएनएल और बीएसएनएल के विलय के संदर्भ में कोई भी फैसला करने से पहले सभी कारकों का विश्लेषण करे. समिति ने कहा कि सरकारी क्षेत्र के ये उपक्रम ऐसे बाजार ढांचे के तहत काम कर रहे हैं जहां इन्हें निजी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि नीति आयोग ने अपने एक बयान में उल्लेख किया था कि जहां पर प्रतिस्पर्धी बाजार पहले से ही स्थापित हो चुके हैं, वहां सरकार को सेवाओं और सामान के विनिर्माण एवं उत्पादन में कार्यरत नहीं होना चाहिए. समिति ने कहा कि वह नीति आयोग के सुझाव से सहमत है और यह मानती है कि सरकार को विनियामक या सुविधादाता के रूप में कार्य करना चाहिए.

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