राबड़ी देवी ने सीएम नीतीश पर लगाये गंभीर आरोप, जानिए क्या कहा

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने एनडीए सरकार पर  घोर लापरवाही, कुव्यवस्था सीएम की महामारी को लेकर अनुत्तरदायी, असंवेदनशील और अमानवीय अप्रोच, लचर व भ्रष्ट व्यवस्था, स्वास्थ्य मंत्री के ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार एवं भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाया है और कहा है कि इसी के कारण ग़रीबों के 1000 से ज़्यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गयी है।

राबड़ी ने कहा कि 14 बरस से ई लोग बिहार में राज कर रहा है। हर साल बीमारी से हज़ारों बच्चे मरते है लेकिन बताते सैंकड़ों है। फिर भी रोकथाम का कोई उपाय नहीं, समुचित टीकाकरण नहीं। दवा और इलाज का सारा बजट ईमानदार सुशासनी घोटालों की भेंट चढ़ जाता है। बिहार का बीमार स्वास्थ्य विभाग ख़ुद ICU में है।

बिहार में डबल इंजन की सरकार है। इतनी मौतों के बाद अब केंद्र और प्रदेश के मंत्री क्या नृत्य करने चार्टर फ़्लाइट्स से मुज़फ़्फ़रपुर जा रहे है? जब अस्पताल के दवाखानों में दवा की जगह कफ़न रखे है, डॉक्टर नहीं है तो क्यों नहीं बीमार बच्चों को Air-Ambulance से दिल्ली ले जाते?

केंद्र और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री कुतर्क गढ़ रहे है। एक कहता है मैं मंत्री हूँ, डॉक्टर नहीं। मरते बच्चे क़िस्मत का खेल है। और फिर उसी क़िस्मत को लात मार बिस्कुट खाते बेशर्मी से मैच का स्कोर पूछता है।एक प्रेस मीटिंग में ही सो रहे है। लिची को दोषी बताते है।भगवान की आपदा बताते है।

मुख्यमंत्री जी सदा की तरह मौन है। मुज़फ़्फ़रपुर में 40 बच्चियों के साथ सत्ता संरक्षण में जनबलात्कार किया गया तब भी मौन थे। मुज़फ़्फ़रपुर में ही भाजपाई नेता द्वारा 30 मासूमों को कार से कुचला तब भी मौन और हर वर्ष की भाँति फिर हज़ारों बच्चों की चमकी बुखार से मौत पर भी चुप।

क्या 14 वर्ष से राज कर रहे मुख्यमंत्री की हज़ारों बच्चों की मौत पर कोई जवाबदेही नहीं?कहाँ है ग़रीबों के लिए 5 लाख तक के मुफ़्त इलाज की प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना?

हम इस नाज़ुक समय में राजनीति नहीं करना चाहते लेकिन ग़रीब बच्चों का समुचित इलाज करना सरकार का धर्म और दायित्व है।

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