सड़क और गलियों में चल रही नाव, बाढ की दुश्वारियों में फंसे हैं पूर्वांचल के गांव
मध्य प्रदेश से यमुना के रास्ते गंगा होते हुए पूर्वांचल में आई बाढ़ की आफत लगातार आम जनता को दुश्वारी दे रही है। वाराणसी के निचले इलाकों में बसी कालोनियों में जहां बाढ़ की वजह से गलियाें और सड़कों पर नाव चलने लगी है वहीं राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ की टीम जुट गई है। बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित बलिया जिला है जहां दुबे छपरा रिंग बंधा टूटने के बाद डेढ़ सौ से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। वहीं दूसरी ओर कई गांवों को प्रशासन ने सुरक्षा कारणाें से खाली भी करा लिया है। कई अन्य जगहों पर भी रिंग बंधे पर दबाव होने से कटान हो रहा है। जिससे नए इलाकों के बाढ़ की जद में आने की संभावना से तटवर्ती इलाकों के लोग दहशत में हैं।
वाराणसी में फिलहाल गंगा में प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की रफ्तार बनी हुई है, सुबह दस बजे तक वाराणसी में गंगा का जलस्तर 71.48 मीटर तक हो चुका है। वहीं प्रयागराज में भी गंगा में लगातार अभी भी बढ़ाव का रुख बना हुआ है जिसका पानी पूर्वांचल तक आना तय है। इस लिहाज से अगले चौबीस घंटों तक वाराणसी में प्रति घंटे एक सेंटीमीटर बढ़ाव का रुख बना रहेगा। दूसरी ओर मीरजापुर जिले में जहां गंगा चेतावनी बिंदु पार कर चुकी हैं वहां भी अगले चौबीस घंटों में गंगा अब खतरा बिंदु पार की ओर पहुंचने वाली हैं।
वाराणसी में गंगा ने बढ़ाई चिंता
वाराणसी में गंगा नदी के किनारे बसी कई नई कालोनियों में बाढ़ का पानी देर रात प्रवेश कर गया। वहीं वरुणा और असि के साथ ही गोमती में भी पलट प्रवाह की वजह से बाढ़ ने इसके किनारे पर रहने वालों को भी जद में ले लिया है। ढाब क्षेत्र के कई गांवों का आपस में संपर्क टूट चुका है। वाराणसी में साठ से अधिक गांव और करीब दर्जन भर वरुणा, असि व गंगा नदी के किनारे की कालोनियां बाढ़ की जद में आ चुकी हैं। इसकी वजह से लोगों को जहां पलायन करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर जलस्तर में और इजाफा होने के बाद गंगा नई अन्य कालोनियों की ओर रुख करने लगी हैं।
पूर्वांचल में बाढ़ से आफत
गाजीपुर जिले में तीन दिनों से गंगा खतरा बिंदु से ऊपर बह रही हैं और हर दिन नए इलाके बाढ़ की जद में आते जा रहे हैं जिससे लोग अब प्रभावित इलाकों से पलायन करने लगे हैं। बलिया और गाजीपुर में सर्वाधिक चिंता अब पशुओं के चारे की आ गई है क्योंकि बाढ में हरा चारा डूब चुका है और पशुओं के सामने चारे की कमी हो गई है। जबकि मीरजापुर जिले में भी अगले कुछ घंटों में गंगा चेतावनी बिंदु पार कर सकती हैं। प्रशासन के सामने जहां राहत सामग्री दूर दराज के गांवों तक पहुंचाने की चुनौती है वहीं नए इलाकों के प्रभावित होने से लाखों की आबादी के सामने खाने पीने का संकट पैदा हो गया है।
गाजीपुर में बढ़ी दुश्वारी
गंगा के जलस्तर में गुरुवार को खतरा बिंदु से एक मीटर अधिक तक की वृद्धि होने से लोगों की दुश्वारियां बढ़ती ही जा रही हैं। बाढ़ का पानी मुहम्मदाबाद क्षेत्र के शेरपुर गांव व गंगा के बीच बसे मुबारकपुर बस्ती व पचासी पानी से घिर गया है। मुबारकपुर से आने वाली पक्की सड़क पर बाढ़ का पानी बह रहा है। अगर बढ़ाव इसी तरह जारी रहा तो शाम तक इस बस्ती का संपर्क अगल-बगल से टूट जायेगा। बाढ़ से भांवरकोल क्षेत्र के धर्मपुरा गांव की बस्ती में पानी घुसने से लोगों की दुश्वारियां बढ़ गयी है। बाढ़ ने पशु पालकों की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं। कई गांवों से लोग पशुओं को हांककर ऊंचे स्थानों पर ले जा रहे हैं मगर लगातार हो रही बारिश से सिर ढंकने की दुश्वारी भी अब लोगों को संकट में डाल रही है।
बलिया से बिहार का रास्ता डायवर्ट
गंगा नदी का जलस्तर खतरा बिंदु पार करने के बाद भी लगातार बढ़ाव पर होने से दुबे छपरा रिंग बांध टूटने के बाद बाढ़ के पानी का दबाव एनएच 31 पर पड़ रहा है। इसको देखते हुए प्रशासन ने बलिया बैरिया मार्ग पर बड़ी गाड़ियों के आने जाने पर रोक लगा दी है। शहर के चित्तू पाण्डेय चौराहा पर बुधवार की रात को प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर बड़े वाहनों का रूट डायवर्ड कर दिया है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर फेफना चौराहा, चित्तू पाण्डेय चौराहा, दुबहड़, हल्दी व बैरिया पुलिस चिरइया मोड़ पर रात भर मुस्तैद रह कर बड़े वाहनो को सहतवार रेवती होते बैरिया के रास्ते बिहार जाने वाले वाहनों के लिए आवागमन चालू रखा।