13 साल पहले सीमा विस्तार के शासनादेश पर आखिरकार लग ही गई मुहर…

 13 साल पहले सीमा विस्तार के शासनादेश पर आखिरकार मुहर लग ही गई। 1959 में अंतिम बार महानगर पालिका इलाहाबाद (प्रयागराज) का सीमा विस्तार हुआ था। उस समय फाफामऊ और नैनी का क्षेत्र महानगर पालिका में जोड़ा गया था। अब नैनी, झूंसी, फाफामऊ एवं बमरौली के 207 गांव और नगर पंचायत झूंसी को नगर निगम की सीमा में शामिल किया गया है। अभी नगर निगम में 80 वार्ड हैं। सीमा विस्तार में यह बढ़कर 100 हो जाएंगे।

2006 में शासन ने नगर निगम सीमा विस्तार का शासनादेश जारी किया था

30 अक्टूबर 2006 में शासन ने नगर निगम सीमा विस्तार का शासनादेश जारी किया था। उसके बाद नगर निगम ने 432 गांवों को अपनी सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था पर शासन द्वारा उसे वापस भेज दिया गया था। 2007 में प्रदेश में बसपा की सरकार बनाने के बाद सीमा विस्तार का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। 2012 में अखिलेश यादव की सरकार बनाने के बाद इस पर पुन: विचार किया गया। 2016 में महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने सीमा विस्तार के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया। शासन ने दोबारा से सीमा विस्तार की फाइल मंगवाई लेकिन उस दिशा में कारगर कदम नहीं उठाए गए।

2017 में प्रदेश में योगी सरकार बनने पर सीमा विस्तार पर अपडेट सूची मांगी गई

2017 में प्रदेश में योगी सरकार बनने पर सीमा विस्तार पर गंभीरता से विचार किया गया। नगर निगम से गांवों की अपडेट सूची मांगी गई। मार्च 2019 से लगातार इस पर मंथन चल रहा था। नवंबर माह में नगर निगम ने 238 गांवों की सूची शासन को भेजी। इसमें कुछ संशोधन के बाद 207 गांवों और नगर पंचायत झूंसी को नगर निगम की सीमा में शामिल कर लिया गया।

432 से घटकर रह गए 207 गांव

2006 में शासन को 432 गांवों को नगर निगम की सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया था। करछना विकास खंड (जोन-5) के 115, फूलपुर विकास खंड (जोन-4) के 110, सदर विकास खंड (जोन-1) के 88 और सोरांव विकास खंड (जोन-3) के 119 गांव सूची में थे। 2016 में यह संख्या घटकर 265 रह गई। जोन-1 में 22, जोन-03 में 46, जोन-4 में 93 और जोन-05 में 104 गांव रह गए। कैबिनेट ने जोन-1 में 24, जोन-3 में 26, जोन-04 में 64 और जोन-5 में 94 गांव और झूंसी नगर पंचायत को नगर निगम में शामिल करने की मंजूरी दे दी है।

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