मैच खत्म होने के बाद भी कोहली ने जडेजा के रन आउट पर बात करते हुए जाहिर की नाराजगी
भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए चेन्नई वनडे में रवींद्र जडेजा के रन आउट पर विवाद हो रहा है। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने जडेजा को आउट दिए जाने के वक्त नाराजगी जताई थी। मैच खत्म होने के बाद भी कोहली ने इस बारे में बात करते हुए गुस्सा निकाला था। मैच के बाद वेस्टइंडीज के कप्तान कीरोन पोलार्ड ने भी इसपर अपनी सफाई दी।
चेन्नई के एम ए चिदंबरम स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला खेला गया। रविवार को हुए इस मैच में मेहमान टीम ने भारत के खिलाफ 8 विकेट के जीत दर्ज की। इस मैच के दौरान ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को रन आउट दिए जाने के बाद विराट कोहली ने आपत्ति जताई थी। मैच खत्म होने के बाद विंडीज कप्तान ने इसपर अपनी राय दी।
पोलार्ड ने विवाद पर दिया जवाब
48वें ओवर में 21 गेंद पर 21 रन बनाकर खेल रहे जडेजा एक रन लेने की कोशिश में रोस्टन चेज की थ्रो पर रन आउट हुए थे। पोलार्ड ने कहा, “आखिरकार दिन के अंत में सही फैसला लिया गया और यही सबसे महत्वपूर्ण बात है मेरे लिए।”
विराट कोहली ने जताई थी नाराजगी
मैच खत्म होने के बाद विराट ने कहा था, “खिलाड़ी ने अंपायर से रन आउट के बारे में पूछा और अंपायर ने इनपर ना कहा। इसको लेकर बात यहीं खत्म हो जानी चाहिए थी। बाहर बैठे लोग फील्डर को नहीं कह सकते और इसके बाद फील्डर अंपायर से ऐसे किसी फैसला का रिव्यू करने नहीं बोल सकते हैं। ऐसा क्रिकेट में होते मैंने कभी नहीं देखा। मुझे नहीं पता नियम कहां है। इस बारे में अंपायर और रेफरी को देखना चाहिए। मैदान के बाहर बैठे लोग फील्ड में खेल रहे लोगों को निर्देश नहीं दे सकते और यही कुछ यहां पर हुआ।”
क्या है विवाद की वजह
रवींद्र जडेजा जब रन चुराने के लिए भागे तो चेज ने एक शानदार थ्रो किया और गेंद स्टंप पर जा लगी। खिलाड़ियों ने रन आउट की मांग की लेकिन फील्ड अंपायर ने इसे नकार दिया। इसके कुछ सेकेंड बाद ही मैदान के बाहर से वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के रिप्ले देखकर बताया गया कि जडेजा आउट हैं। फिर खिलाड़ियों ने फील्ड अंपायर से दोबारा बात की और मामला थर्ड अंपायर के पास पहुंचा। थर्ड अंपायर ने रिप्ले देखने के बाद जडेजा को आउट करार दिया। विराट कोहली को इस बात का गुस्सा था कि मैदान के बाहर से कोई खिलाड़ी अंदर कोई निर्देश कैसे दे सकता है। या तो मैच के वक्त ही वेस्टइंडीज के खिलाड़ी अपनी मांग पर अड़े रहते या फिर बाद में मिले इशारे पर ध्यान ना देकर खेल भावना का परिचय देते।