जिले के 14 हजार बच्चों को जन्मजात बीमारी से मिला छुटकारा, परिवारजनों में खुशियां
बाराबंकी । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। आरबीएसके की टीम गंभीर रूप से बीमार बच्चों का मुफ्त इलाज कर उन्हें नया जीवन दे रही है। यह टीम सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रो पर जाकर हृदय, गला व मिर्गी रोग, कैंसर जैसे गंभीर रोगों से ग्रसित बच्चे का निशुल्क उपचार करा रही है। आरबीएस के टीम के प्रयास से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हर्ष, आयुषी, सत्यप्रकाश, सुरजभान, मयंक, आदिल, पूजा, अनमोल, अहम सहित अन्य को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज, सिप्स हास्पिटल व हेल्थ सिटी हास्पिटल लखनऊ में इलाज कराया गया। आरबीएसके तहत मई 2019 से फरवरी 2020 तक बाराबंकी के 14 हजार 21 बच्चों को नि:शुल्क उपचार मिला, इसको लेकर उनके परिवारजनो ने खुशियां जाहिर की।
आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर डा. अवधेश कुमार सिंह ने बताया जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिकित्सा विभाग की ओर से बच्चों की जन्मजात बीमारी के हो रहे इलाज के बाद बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौट रही है। आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूलों में स्क्रीनिंग के बाद सामने आ रही जन्मजात बीमारी के बाद अलीगढ़ के निजी अस्पतालों में अपने स्तर पर बच्चों के नि:शुल्क ऑपरेशन करवाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मोबाइल हेल्थ टीम द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा प्रसव केन्द्रों पर स्टाफ द्वारा अन्य जन्में बच्चों का गृह भ्रमण के दौरान आशा द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
इस ब्लाक में 882 बच्चों का हुआ इलाज
जिले के सूरतगंज ब्लाक के 234 परिषदीय विद्यालय, 1 कस्तूरबा बालिका विद्यालय,10 मदरसा व इंटर कालेज में 20 दिसम्बर तक 22382 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण आरबीएसके टीम ने किया। जिसमें बीमार 539 बच्चों का इलाज टीम ने मौके पर जाकर किया। जबकि 1130 बच्चों को इलाज के सीएचसी से लेकर विभिन्न अस्पतालों में कराया। शेष 258 बच्चों का इलाज अभी चल रहा है।
इन बीमारियों का हो रहा इलाज
आरबीएसके नोडल अधिकारी डा डीके श्रीवास्तव ने बताया राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जनपद की 30 मेडिकल टीम अब 44 प्रकार की बीमारियों की स्क्रिनिंग कर बाल मरीजों का इलाज कर रही है। योजना के तहत न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, डाउन सिंड्रोम, कटा होठ व तालू, टेढ़े-मेढ़े पैर, डेवलपमेंट डिस्प्लेजिया आफ हिप, जन्मजात मोतियाबिंद, जन्मजात बहरापन, कंजेनाइटल हार्ट डिजीज, रेटिनोपैथी आफ प्रीमेच्योरिटी, एनीमिया, विटामिन ए की कमी, रिकेट्स, अति कुपोषण, घेंघा, चर्म रोग, कान बहना, रुमैटिक हार्ट डिजीज, रिएक्टिव एयरवे, डेंटल कंडीशन, कंवर्जन डिसआर्डर, आंख से जुड़ी समस्याएं, कान से जुड़ी दिक्कतें, न्यूरोमोटर इंपेरिमेंट, मोटर डिले, कांग्नीटिव डिले, स्पीच एंड लैंग्वेज डिले, विहैबियर डिसआर्डर, लर्निंग डिसआर्डर, अटेंशन डिफीसीट हाइपर एक्टिविटी डिसआर्डर, ग्रोइंग अप कंसर्न, सबस्टेंस एब्यूज, फील डिप्रैस्ड, किशोरियों के मासिक धर्म में देरी, मासिक धर्म के दौरान पेशाब में जलन, मासिक धर्म के दौरान दर्द, पानी आना व बच्चों और किशोरों की अन्य बीमारियों को चिन्हित कर उसका इलाज किया जाता है।
केस 1: जिले के बंकी ब्लॉक क्षेत्र के वेद प्रकाश दूबे के 11 वर्षीय बेटे हर्ष दूबे को जन्म से दिल में छेद की बीमारी के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में टीम द्वारा स्क्रीनिंग करने के बाद उसका अलीगढ़ मेडीकल कालेज में ऑपरेशन होने के बाद अब परिवार में फिर से खुशी लौट आई है। परिवारजनों निशुल्क ऑपरेशन होने से खुशी व्याप्त है।
केस 2 : बंकी ब्लाक की मेड़िया फार्म क्षेत्र के बदलू का 2 माह का नवजात सत्यप्रकाश के जन्म से ही पैर टेढ़ मेढ़ होने के बाद परिवार आर्थिक की स्थिति कमजोर होने से ऑनहीं हो पाया था, लेकिन परेशन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हेल्थ सिटी हास्पिटल, लखनऊ के निजी अस्पताल में निशुल्क ऑपरेशन होने से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।
केस 3: फतेहपुर बलॉक क्षेत्र निवासी के बेटे अहम के भी जन्म के बाद से ही होंठ फटे हुए थे, लेकिन आरबीएसके की टीम द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र पर स्क्रीनिंग करने के बाद उसका हेल्थ सिटी हास्पिटल, लखनऊ में निशुल्क ऑपरेशन करवाने के बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। अब बालक भी अन्य बच्चों की तरह ही खुश है।
केस 4 : सूरतगंज ब्लाक के अमराईगाव निवासी महाजन का 15 वर्षीय पुत्र सुरजभान कटे तालू से परेशान था। ठीक से बोल नही पा रहा था। आरबीएसके टीम ने जांच की स्क्रीनिंग के दौरान कटे होठ और तालू की जानकारी हुई। इसके बाद हेल्थ सिटी हास्पिटल में आपरेशन किया गया। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ्य है। साथ ही वही ऐनुद्दीन गांव रामतीरथ के 6 माह का आदित्य कटे होठ के चलते दूध नही पी पा रहा था। लखनऊ में इलाज होने के बाद अब वह स्वस्थ्य है।
केस 5: ब्लॉक क्षेत्र बरैया निवासी जितेन्द्र की छह वर्षीय पुत्री आयुषी जन्म से ह्रदय रोग से पीड़ित थी। टीम ने उसका आपरेशन कराकर उसे नई जिंदगी दी। आयुषी के जीवन में नया सवेरा आया है। राष्टूीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आयुषी के हृदय का सफल आपरेशन अलीगढ़ में किया गया। आरबीएसके कार्यक्रम के प्रयासों से परिवार के लोग खुशियों के उजालों से सराबोर हो गया है।