कोरोना संकट, नस्‍लीय भेदभाव के बाद गर्भपात के मुद्दे ने तूल पकड़ा, चिंतित हुए डेमोक्रेट्स

अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान कोरोना महामारी, आर्थिक संकट और नस्‍लीय भेदभाव को लेकर चल रहे प्रदर्शनों के बीच गर्भपात का एक अहम मुद्दा इस चुनावी महासमर में दब सा गया। सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश रूथ बेडर गिंसबर्ग की मृत्यु के बाद एक बार फ‍िर यह मुद्दा गरमा रहा है।रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से इस मसले पर बहस छिड़ गई है। यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यह मुद्दा राष्‍ट्रपति चुनाव में तूल पकड़ सकता है। दोनों राजनीतिक दलों के उम्‍मीदवार इस संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए विवश हो सकते हैं। हालांकि, अभी तक गर्भपात का मुद्दा राष्‍ट्रपति चुनाव अभियान का हिस्‍सा नहीं बन सका।

गिंसबर्ग की मौत के बाद गर्भपात का मुद्दा तेजी से उठा 

कोरोना महामारी के बाद उपजे हालात ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव प्रचार को भी प्रभावित किया है। अमेरिका की पूरी सियासत कोरोना वायरस, आर्थिक संकट और नस्‍लीय हिंसा के इर्द-गिर्द सिमटी रही। ऐसे में गर्भपात का पुराना चुनावी मुद्दा प्रचार के दौरान ठंडे बस्‍ते में डाल दिया गया। गिंसबर्ग की मौत के बाद यह मुद्दा तेजी से उठ रहा है, क्‍योंकि वह कानूनी ढंग से गर्भपात के पक्ष में थीं। दोनों प्रमुख दलों के राष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवारों पर यह दबाव जरूर बनेगा। ट्रंप और बिडेन इस संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए मजबूर हो सकते हैं। हालांकि, यह दानों राजनीतिक दलों के लिए खतरनाक हो सकता है। यही वजह रही कि ट्रंप और बिडेन ने इस मुद्दे का चुनाव अभियान से दूर रखा।

गर्भपात के मसले पर सांसत में डेमोक्रेटिक पार्टी 

अमेरिकी चुनाव में गर्भपात का मुद्दा डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए चिंता का विषय बन सकता है। डेमोक्रेट्स को यह चिंता सता रही है कि वह इस मुद्दे को लेकर कैसे आगे ले जाएंगे। हालांकि, अधिकांश अमेरिकी नागरिकों का मत है कि कुछ पावंदियों के साथ गर्भपात को कानूनी मंजूरी मिलनी चाहिए। ऐसे में डेमोक्रेट्स की सांसत और बढ़ सकती है। खासकर तब जब डेमोक्रेट‍िक उम्‍मीदवार इस मामले को लेकर न‍िजी तौर पर सहज नहीं हैं।

बिडेन ने अफोर्डेबल केयर एक्ट और ट्रंप ने जज की नियुक्‍त पर दिया जोर 

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश रूथ बेडर गिंसबर्ग की मृत्यु के बाद डेमोक्रेटिक प्रत्‍याशी ने इस मुद्दे को हल्‍के में लिया। बिडेन अपनी चुनावी अभियान में अफोर्डेबल केयर एक्ट के मुद्दे को हवा देने की कोशिश कर रह हैं। इस बीमा योजना कवरेज में सभी रोगों के इलाज का कवरेज शामिल करने की मांग कर रहे हैं। ऐसे रोगों से जिससे लोग बीमा योजना लेने से पहले से ही जूझ रहे हैं। उधर, ट्रंप अपना राष्‍ट्रपति का कार्याकाल समाप्‍त होने से पहले गिंसबर्ग की जगहर किसी नए न्‍यायाधीश को नियुक्‍त करने पर फोकस कर रहे हैं।

 

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