चमोली हादसा : 197 लोग अभी भी लापता, 26 शव निकाले जा चुके

ऋषिगंगा में आई जल प्रलय से कम से कम 197 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से टनल में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं, 26 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें से 24 की शिनाख्त भी हो गई है। सभी शव टनल से और आसपास के क्षेत्रों में नदियों के किनारे से मिले हैं।

वहीं उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने आज सुबह बताया कि टनल में थोड़ा और आगे बढ़े हैं, अभी टनल खुली नहीं है। हमें उम्मीद है कि दोपहर तक टनल खुल जाएगी। कुल 26 शव बरामद हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक आज सारा मलबा साफ होने की उम्मीद है।

वहीं मंगलवार काे तीसरे दिन के राहत बचाव कार्य के लिए एमआई 17 एनडीआरएफ के जवानों को लेकर देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना हो गया है। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को तपोवन और ग्लेशियर क्षेत्र में ले जाने के लिए एक एएलएच भी रवाना हाे गया है।

गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर का भूविज्ञान विभाग भी नीती घाटी में बाढ़ के कारणों के अध्ययन में जुट गया है। विभाग की एक टीम रवाना हो गई है। जबकि विभाग के सीनियर प्रोफेसर डा. एचसी नैनवाल की अगुवाई में एक टीम कुछ दिन बाद जाएगी।

गढ़वाल विवि के प्रो. नैनवाल और उनकी टीम पिछले 15 साल से अलकनंदा नदी के उद्गम स्थल सतोपंथ में ग्लेशियरों की स्थिति पर अध्ययन कर रही है। इसके अलावा लगभग पांच साल से वह चमोली जिले की कोसा घाटी में राजबांक ग्लेशियर का डाटा भी जुटा रहे हैं। यह क्षेत्र ऋषि गंगा के आपदा प्रभावित क्षेत्र के समीप है।

Related Articles

Back to top button