एक बार फिर जेल जा सकते हैं लालू प्रसाद यादव, सामने आई ये… बड़ी वजह
चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक नए मामले में घिरते दिख रहे हैं। उन्हें एक बार फिर से जेल की हवा खानी पड़ सकती है। लालू के ऊपर मंडरा रहा यह नया खतरा चारा घोटाले के पांचवें मामले से जुड़ा है। रांची के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की मुश्किलें बढ़नी तय हैं।
लालू यादव को चारा घोटाले के पांचवें मामले में भी कैद- जुर्माने की सजा सुनाई जा सकती है। फिलहाल लालू चार मामलों में सजा काटने के लिए रांची के बिरसा मुंडा जेल भेजे गए हैं। जहां से तबीयत बिगड़ने के बाद रांची के रिम्स में उनका इलाज चल रहा है। कुछ दिन पहले ही लालू की हालत गंभीर होने के बाद उन्हें एम्स, दिल्ली बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है। ताजा मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार लालू की सेहत में सुधार बताया गया है। वे अब पहले के मुकाबले सहज हैं। उनका निमोनिया भी कुछ हद तक ठीक हो गया है।
इधर राजद प्रमुख लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के RC 47/96 डोरंडा कोषागार मामले में बीते दिन रांची की अदालत में एक बार फिर से 10 महीने बाद सुनवाई शुरू हो गई है। सीबीआइ की विशेष अदालत में यह मामला हफ्ते में दो दिन सुनवाई के लिए लाया जा रहा है। 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े इस मामले में सीबीआइ की ओर से तमाम गवाही पूरी हो गई है। अब लालू समेत दूसरे आरोपितों की ओर से गवाही कराई जा रही है। इस मामले में लालू मुख्य आरोपित के तौर पर अपनी गवाही दर्ज करा चुके हैं। अब दो-तीन गवाहों को ही अपना बयान दर्ज कराना बाकी रह गया है। सीबीआइ ने 575 तो बचाव पक्ष ने भी 100 से अधिक गवाहियां दर्ज कराई हैं। इस मामले में अभी मंगलवार और शुक्रवार को सुनवाई होगी।
इधर चारा घोटाले के चार मामलों में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट ने 3 मामलों में पहले ही जमानत दे दी है। जबकि एक मामले में उच्च न्यायालय में लालू की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। चाईबासा कोषागार के दो और देवघर कोषागार से जुड़े एक मामले में लालू को बेल मिल चुकी है। दुमका कोषागार मामले में आधी सजा काटने और गंभीर बीमारियों की दलील के सहारे उन्होंने जमानत की आस लगा रखी है।
लालू की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल झारखंड हाई कोर्ट में उनकी जमानत याचिका की पैरवी कर रहे हैं। इस मामले में 19 फरवरी को सुनवाई होगी। इस बीच लालू से जुड़े एक अन्य मामले जेल मैनुअल उल्लंघन में स्वत: संज्ञान लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने सुनवाई शुरू की है। बिहार के एक भाजपा नेता को फोन करने और नीतीश सरकार को अस्थिर करने के आरोपों से घिरे लालू को लेकर हाई कोर्ट ने कई दफा कड़ी टिप्पणियां कीं। कोर्ट ने सरकारी वकील को यहां तक कहा कि किसी व्यक्ति विशेष के लिए कानून कैसे बदला जा सकता है।
इधर लालू को लेकर हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में बड़ी बात कही। अदालत ने कहा कि कोर्ट की बिना जानकारी में उन्हें एम्स, दिल्ली कैसे भेज दिया गया। सबसे पहले उनकी मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जानी थी। उनको क्या बीमारी है, यह देखने के बाद ही मेडिकल बोर्ड के दिल्ली भेजने के फैसले की परख की जा सकती है। रिम्स डायरेक्टर के कोर्ट में मेडिकल रिपोर्ट नहीं दाखिल करने पर अदालत ने शो-कॉज नोटिस भी जारी किया है।